जंगली मशरूम खाने से लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन और नानी की मौत
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ से दुखद खबर सामने आ रही है। इन दिनों पंचाचूली गीत से अपनी पहचान बनाने वाले पिथौरागढ़ धापा गांव निवासी कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन दीया 28 वर्ष और नानी कुंती देवी 70 वर्ष की जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई।
हादसे के बाद पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। परिजनों ने दोनों को मुनस्यारी से लेकर हल्द्वानी तक तीन अस्पतालों में भर्ती कराया, लेकिन 250 किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
इधर हल्द्वानी के कटघरिया स्थित गणेश मर्तोलिया के आवास पर शोक संतप्त परिजनों से मिलने और अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
बताया गया है कि मंगलवार को चित्रशिला घाट में दोनों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हाल ही में उनके गीत पंचाचुली ने पूरे उत्तराखंड में धमाल मचाया हुआ है।
ऐसे में वर्तमान में एसबीआई में कार्यरत लोकगायक गणेश मर्तोलिया ने रुंधे गले से बताया कि उनकी नानी और बहन उनके साथ ही रहती थीं। पिता विजय मर्तोलिया जोहार में हैं। गर्मियों में नानी की तबीयत खराब रहने के चलते वे मई में गांव चली गई और साथ में बहन को भी भेज दिया गया।
गणेश के अनुसार, जानकारी के अभाव में दोनों ने खेत में उग आए जहरीले जंगली मशरूम खा लिए। इसके बाद रात में बहन का फोन आया कि तबीयत बिगड़ रही है। तत्काल गांव में मौजूद रिश्तेदारों को फोन कर दोनों को मुनस्यारी अस्पताल पहुंचाया गया। तब तक उल्टी और दस्त शुरू हो चुके थे।
मुनस्यारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद 13 जुलाई की सुबह दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया। बहन को एंबुलेंस और नानी को एक निजी वाहन से पिथौरागढ़ अस्पताल लाया गया।
यहां भी इलाज से कोई खास राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। हल्द्वानी लाते वक्त रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पिता के जोहार से लौटने के बाद दोनों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इधर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगली मशरूम का सेवन न करें। सीएमओ ने कहा, “जंगली मशरूम दिखने में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन कई बार इनमें विषैले तत्व होते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऐसे मामलों में उल्टी, दस्त, बेहोशी और मौत तक हो सकती है।”