बिग ब्रेकिंग: दून में आज तो हरिद्वार में 14 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगें सभी स्कूल। आदेश जारी

दून में आज तो हरिद्वार में 14 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगें सभी स्कूल। आदेश जारी

देहरादून। भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून एवं एन०डी०एम०ए० के सचेत National Disaster Alert Portal द्वारा दिनांक 09 जुलाई, 2025 को जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार दिनांक 10 जुलाई, 2025 को जनपद देहरादून में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा कही-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने / वर्षा के अति तीव्र दौर का ओ रेंज अलर्ट जारी किया गया है।

वर्तमान में जनपद के समस्त क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा को दृष्टिगत सवेदनशील स्थलों में भूस्खलन की सम्भावना बढ़ जाती है। जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

अतः आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत जनपद के कक्षा 01 से 12 तक संचालित समस्त शैक्षणिक संस्थाओं और आंगनबाडी केन्द्रों में दिनांक 10.07.2025 को एक दिन का अवकाश घोषित किया जाता है।

अतः जनपद के समस्त शासकीय / गैर शासकीय एवं निजी स्कूलों के साथ सभी आंगनबाडी केन्द्र दिनांक 10.07.2025 को बन्द रहेंगे।

मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून एवं जिला कार्यकम अधिकारी देहरादून को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त समस्त शैक्षणिक संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में उक्त आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करायेंगे।

हरिद्वार में 14 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

हरिद्वार। श्रावण मास में आयोजित होने वाले भव्य कांवड़ मेले को लेकर हरिद्वार प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि मेले के दौरान जिले में कांवड़ यात्रियों की अत्यधिक भीड़ और ट्रैफिक डायवर्जन को ध्यान में रखते हुए जनपद के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 14 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक अवकाश घोषित किया गया है।

इस आदेश के तहत समस्त सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालय, उच्च शिक्षण संस्थान, तकनीकी संस्थान तथा आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। इस अवधि में विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कांवड़ मेले की चरम अवधि में सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे यातायात प्रभावित होता है और छात्रों को विद्यालय आने-जाने में कठिनाई हो सकती है। छात्रों की सुरक्षा और जनहित को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है।

शिक्षा विभाग को आदेश के कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।