खुलासा: दून में 9,428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये हजम

दून में 9,428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये हजम

देहरादून। राजधानी देहरादून में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर किए गए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) द्वारा की गई जांच में सामने आया कि निरस्त किए गए 1,36,676 राशन कार्डों के सापेक्ष 9,428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए और इनके माध्यम से करोड़ों रुपये की बीमा राशि का अनुचित लाभ लिया गया।

यह जांच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने करवाई थी। जिसमें पहले फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए और उसके क्रम में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का अब तक का सबसे बड़ा खेल उजागर हो गया।

यह फर्जीवाड़ा राशन कार्ड की अनियमितताओं से जुड़ा है, क्योंकि आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड एक अनिवार्य दस्तावेज है।

जांच में पाया गया कि बड़ी संख्या में अपात्र व्यक्तियों ने गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवा लिए और जैसे ही उनका डेटा ऑनलाइन हुआ, फर्जी आयुष्मान कार्ड स्वतः जनरेट हो गए।

हालांकि, जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज करावा दिया। अब मामले की जांच शुरू हो गई है और जल्द इसके पीछे के गिरोह का पर्दाफाश हो जाएगा।

दरअसल, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सत्यापन अभियान चलाया गया, जिसके तहत देहरादून जिले में 1,36,676 राशन कार्ड निरस्त किए गए थे।

इसके बाद जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर इनका डाटा SHA को भेजा गया। जिसके क्रम में SHA के अतिरिक्त निदेशक (आईटी) अमित शर्मा द्वारा दी गई तहरीर पर राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस जांच में जुटी, कई और परतें खुलने की आशंका

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी कार्ड धारकों की पहचान शुरू कर दी है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इन कार्डों से कितने लोगों ने इलाज कराया और कितनी बीमा राशि का दुरुपयोग हुआ। वहीं, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी एक एक कार्ड पर लिए गए लाभ का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है।

जिला पूर्ति विभाग ने भी दर्ज कराया मुकदमा

इस प्रकरण में जिला खाद्य एवं आपूर्ति कार्यालय ने भी जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर एक मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज कराया है।

राशन कार्ड अनुभाग प्रभारी शंशाक चौधरी ने बताया कि शासन के निर्देशों पर राशन कार्डों का सत्यापन किया गया, जिसमें 3323 कार्डों को अपात्र पाए जाने पर निरस्त किया गया।

संदेह है कि कई लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवाए हैं। जिलाधिकारी बंसल ने जिला पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल को सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

क्या है आगे की कार्रवाई

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और जिला प्रशासन अब मिलकर सभी फर्जी कार्डों की पहचान और लाभ की समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई जा रही है।

जिलाधिकारी सविन ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सत्यापन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसकी भी मिलीभगत पाई जाएगी, उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।