उलंघन करने पर 5 वाहन सीज। 35 चालान
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए पुलिस की सख्ती बरकरार है। लॉकडाउन के दौरान बेवजह बाहर निकले पांच लोगों के वाहन पुलिस ने सीज कर दिये। जबकि 35 लोगों के वाहनों के चालान किये। कोतवाली थाना पुलिस ने शुक्रवार को बेवजह सड़कों पर घूम रहे करीब 5 लोगों के वाहन सीज किये। जबकि 35 से अधिक वाहनों के चालन भी किये। एक ही दिन में पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों के होश उड़ गए। दिन भर अभियान चलाकर हुई कार्रवाई के बाद शाम के वक्त सड़कों पर कोई भी दिखाई नहीं दिया। कानून के खौफ से सभी घरों के अंदर ही रहे। पुलिस ने झण्डाचौक, लालबत्ती चौक सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अभियान चलाकर बिना कारण घूम रहे लोगों के वाहनों के चालान किए। साथ ही कई वाहनों को सीज भी किया।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी ने बताया कि, शहर में लॉकडाउन के तहत अगर कोई बिना जरूरी कार्य के बाहर निकला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोतवाल ने बताया कि, लोगों को जरूरी सामान खरीदने के लिए समय दिया जा रहा है। कोरोना वायरस के खतरे को समझते हुए सभी सतर्क रहें। पुलिस हमेशा लोगों की मदद के लिए खड़ी है। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की है लॉकडाउन तोड़ने पर एक महिला सहित पांच पर मुकदमा पंजीकृत किया हैं। वहीं पुलिस प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी कुछ लोग घर में रहने को तैयार नहीं है। यह लोग बिना वजह बाजार में घूम रहे है। पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान बेवजह सड़क पर घूमने पर पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी ने बताया कि, लॉकडाउन की शुरूआत से ही पुलिस लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है। अधिकांश लोग पुलिस का साथ दे रहे है और घरों में रह रहे है, लेकिन कुछ लोग मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि, जो लोग बिना कारण बाहर घूम रहे है, ऐसे लोगों से पुलिस सख्ती से निपट रही है। गत गुरूवार देर सांय एसएसआई प्रदीप नेगी, हेड कांस्टेबल रमेश कुमार के साथ क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान स्थितियों का जायजा ले रहे थे। इस दौरान ग्रास्टनगंज कोटद्वार पांच लोग सड़क पर घूमते हुए पाये गये। कोतवाल ने बताया कि, उक्त पांचों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 एवं 51 (बी) राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।