बड़ी खबर: भ्रष्टाचार, अवैध अतिक्रमण, नकली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश

भ्रष्टाचार, अवैध अतिक्रमण, नकली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर शासन-प्रशासन की विभिन्न कार्य योजनाओं की समीक्षा की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार, अवैध अतिक्रमण, दस्तावेजों के सत्यापन, निर्माण कार्यों में स्थानीय सहभागिता और सुरक्षा व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सख्त निर्देश दिए।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध व्यापक अभियान का आदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जाए और इस कार्य में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने टोल फ्री नंबर 1064 का प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर करने को कहा ताकि आमजन इस सुविधा के माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायत आसानी से दर्ज करा सकें।

आधार कार्ड और सरकारी दस्तावेजों का सतर्क सत्यापन जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और अन्य सरकारी दस्तावेजों के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। दस्तावेज बनाते समय उनका पूरी गंभीरता और सतर्कता से सत्यापन किया जाए। गलत दस्तावेज जारी करने या इसमें लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने राज्यभर में सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को निरंतर और सख्ती से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भूमि पहले ही अतिक्रमण से मुक्त कराई जा चुकी है।

वहां दोबारा अतिक्रमण न होने पाए, इसके लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए। साथ ही शत्रु संपत्तियों पर हुए अतिक्रमण का विस्तृत आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया।

स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता और वास्तुशैली की पहचान

सरकारी भवनों के निर्माण में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि भवनों के निर्माण में उत्तराखंड की पारंपरिक पर्वतीय वास्तुकला और सांस्कृतिक पहचान को प्राथमिकता दी जाए, ताकि राज्य की अनूठी पहचान संरक्षित रह सके।

धर्मांतरण और सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से धर्मांतरण से जुड़े मामलों में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने चेताया कि राज्य की सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बॉर्डर क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित

इस समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, ए.पी. अंशुमन, सचिव विनोद कुमार सुमन और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी के इन निर्देशों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह भी संकेत मिला है कि आने वाले समय में इन सभी क्षेत्रों में और अधिक ठोस कदम उठाए जाएंगे।