नाबालिग से दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट ने SSP से पूछा, ट्रोलर्स का क्या हुआ?….
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में न्यायपालिका की भूमिका संबंधी सोशियल मीडिया में ट्रोल पर नाराजगी जताते हुए एस.एस.पी.से पोस्ट करने वालों के चिंहित्कार की गई कार्यवाही पर जानकारी मांगी।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने 12 अप्रैल को 12 वर्षीय नाबालिग से 73 वर्षीय ठेकेदार मो.उस्मान द्वारा रेप के बाद घर के अतिक्रमण नोटिस पर पिछले दिनों सुनवाई की गई थी।
इस दौरान बार के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता ने सोशियल मीडिया में गालीगलौच व ट्रोल हो रहे उच्च न्यायालय के अधिवक्ता व न्यायाधीशों का जिक्र किया था।
सी.जे.ने महाधिवक्ता से इसपर सवाल किया और असन्तोजनक जवाब के बाद बात आई गई हो गई। गुरुवार को आरोपी मो.उस्मान के अपर सहायक अभियंता का ट्रांसफर निर्माण खंड खटीमा से अस्थायी खंड घनसाली करने संबंधी याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायालय ने इस दौरान जिला पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।
याचिकाकर्ता और उनके परिवार के खिलाफ कुछ संगठनों ने फेसबुक पर घृणास्पद भाषण की पोस्ट डाली गई थी जिसे न्यायालय को दिखाया गया।
न्यायालय ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा को निर्देश दिए कि वे उन ऑनलाइन पोस्टों की जांच करें जिनमें ‘हेट स्पीच’ प्रसारित हुई और जिनमें हाईकोर्ट का भी नाम इस्तेमाल किया गया।
मामले की अगली सुनवाई सोमवार 19 मई को होगी।