बाबा साहनी के 600 फ्लैट की आवासीय परियोजना पर रोक
देहरादून। दून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ रोकबाबा साहनी की आत्महत्या के बाद अब उनकी 600 फ्लैट की श्वरा नेचर आवासीय परियोजना पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है।
साहनी कंस्ट्रक्शन एलएलपी के अंतर्गत पार्टनर रहे बिल्डर संजय गर्ग के आवेदन कर उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने परियोजना का पंजीकरण निरस्त कर दिया है।
हालांकि, इससे पहले परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले सभी 72 व्यक्तियों को उनके 12 करोड़ रुपए 11 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए गए।
सहस्रधारा रोड स्थित ईश्वरा नेचर परियोजना पर संकट के बादल तभी मंडराने लगे थे, जब मई 2024 में शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ ने फ्लैट से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
इस मामले में चर्चित गुप्ता बंधु और उनके बहनोई पर आत्महत्या के लिए उकसाने पर मुकदमा दर्ज किया गया था। धरातल पर परियोजना का कार्य तभी से बंद चल रहा था।
लेकिन, यह सवाल अपनी जगह कायम थे कि परियोजना में फ्लैट की बुकिंग करा चुके व्यक्तियों का क्या होगा। तब यह भी पता नहीं था कि कितने लोग बुकिंग करा चुके हैं और कितनी धनराशि ली गई है।
दूसरी तरफ यह बात भी सामने आने लगी थी कि परियोजना निर्माण के लिए पार्टनरशिप में संचालित की जा रही साहनी कंस्ट्रक्शन एलएलपी (लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप) के बाकी पार्टनर अब निर्माण आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं हैं।
साथ ही दूसरे साझेदारों ने परियोजना का रेरा पंजीकरण निरस्त करने का आवेदन भी जारी कर दिया था। परियोजना में नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए रेरा के तत्कालीन अध्यक्ष रबिंद्र पंवार ने न सिर्फ बुकिंग की जानकारी मांगी, बल्कि दूसरे साझेदारों को नागरिकों की रकम लौटाने के निर्देश भी जारी किए।
72 व्यक्तियों को ब्याज के साथ लौटाए गए 12 करोड़
रेरा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिल्डर सतेंद्र साहनी के आत्महत्या करने तक 72 लोग फ्लैट की बुकिंग करा चुके थे। जिसमें कंपनी के खाते में 12 करोड़ रुपए जमा कराए गए थे।
लेकिन, परियोजना को विधिवत बंद कराए जाने के आवेदन के मद्देनजर सभी को उनकी धनराशि 11 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटा दी गई है। कुछ खरीदारों की जानकारी उपलब्ध न होने पर उनके नाम के बैंक ड्राफ्ट बनाकर रेरा कार्यालय में जमा कराए गए थे।
अब संबंधित ने भी बैंक ड्राफ्ट प्राप्त कर लिए हैं। साहनी कंस्ट्रक्शन एलएलपी में पार्टनर रहे बिल्डर संजय गर्ग ने बताया कि रेरा के आदेश के क्रम में महज 30 दिन के भीतर पूरी राशि ब्याज के साथ लौटा दी गई थी।
देश में इतने कम समय किसी भी बिल्डर ने बंद की गई परियोजना में खरीदारों को संपूर्ण भुगतान नहीं किया है। रेरा को इस बात की जानकारी मिली थी कि ईश्वरा नेचर परियोजना के निर्माण के लिए बिल्डर सतेंद्र साहनी और अन्य ने ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (जेडीए) किया था।
लेकिन, मई में साहनी की आत्महत्या के 03 माह के भीतर ही इसे निरस्त करा दिया गया था। ऐसे में फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए रेरा ने रकम वापसी के प्रयास शुरू करा दिए गए थे।