हाईकोर्ट में नैनीताल के इन महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर 23 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल ट्रैफिक जाम संबंधी जनहित याचिका को सुनते हुए सरकार से शहर में छोटी छोटी पार्किंग बनाने की संभावना तलाशने को कहा है।
खंडपीठ ने भवली सैनेटोरियम को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल समेत कैंचीं धाम को जाम मुक्त करने के लिए कवायद करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई बुधवार 23 अप्रैल को होगी।
नैनीताल और आसपास के पर्यटक स्थलों में पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की आवाजाही अनियंत्रित रूप से बड़ी है। इसमें एक बड़ा कारण कैंचीं धाम पर भक्तों की अटूट आस्था भी माना जाता है।
उच्च न्यायालय ने रोज लग रहे जाम का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसका निस्तारण करने के लिए पी.आई.एल.अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया को सुना।
आज सवेरे मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कैंचीं में निजी वाहनों से पहुंचे पर्यटकों की जानकारी ली।
इस पर सरकार की तरफ से बताया गया कि केवल 50 प्रतिशत पार्किंग की व्यवस्था है। अभी केवल 50 वाहन पार्क हो सकते हैं जबकि बड़ी पार्किंग में 150 वाहन पार्किंग व एक हैलीकॉप्टर के लिए हैलीपेड का प्रोजेक्ट तैयार है।
खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी की भवाली सैनेटोरियम को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की मांग सुनी।
न्यायालय ने नैनीताल और पहाड़ों के अस्पताल से गंभीर मरीजों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट करने की संभवनाएं तलाशने को कहा। सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत ने कहा कि वहां के 5 से 6 भवनों को ठीक कर लिया गया है।
न्यायालय ने कहा कि ऐसी जगह में 15 दिनों मे ठीक होने वाला मरीज 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाएगा। इसे 1000 बैड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की सोचें।
टैक्सी यूनियन के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कहा कि न्यायालय के एक आदेश के बाद कई लोकल टैक्सी चालक बेरोजगार हो गए हैं।
यहां के स्थानीय नागरिकों को टैक्सी चलाने का अनुभव है और इन्हें आजीविका कमाने की अनुमाती दी जाए। लंच के बाद हुई सुनवाई में न्यायालय ने सभी विभागों को नगर में स्टिल्ट पार्किंग की संभावना तलाशने को कहा।
न्यायालय ने इसे 7फीट तक रखकर पार्किंग की समस्या हल करने पर विचार करने को कहा गया। मामले की अगली सुनवाई बुधवार 23 अप्रैल को होनी तय हुई है।