अमीन हत्याकांड का आरोपी गिरफ्तार, ऐसे मिले सुराग
देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी जनपद अंतर्गत मुनि की रेती थाना क्षेत्र में हुए अमीन हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस जघन्य हत्या के पीछे की कहानी बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली है।
आरोपी नेपाली युवक ने शराब के नशे में मामूली विवाद के बाद अमीन के पद पर कार्यरत कमलेश्वर भट्ट की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
घटना का विवरण: नदी किनारे मिला था क्षत-विक्षत शव
घटना 16 अप्रैल 2025 को सामने आई थी, जब स्थानीय लोगों ने चंद्रभागा नदी के पास एक व्यक्ति का शव देखा। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब शव की जांच की, तो सिर और चेहरे को पत्थर से बुरी तरह कुचला हुआ पाया गया। शव की पहचान ढालवाला निवासी 51 वर्षीय कमलेश्वर भट्ट के रूप में हुई, जो नरेंद्र नगर तहसील में अमीन के पद पर कार्यरत थे।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की। बाद में मामले की विवेचना मुनि की रेती पुलिस को सौंपी गई।
पुलिस की सघन जांच और सुरागों की कड़ियाँ
यह मामला पुलिस के लिए पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर था, क्योंकि घटनास्थल पर कोई स्पष्ट सुराग नहीं था और न ही मृतक और आरोपी के बीच कोई विशेष संबंध।
पुलिस टीम ने सतर्कता से काम करते हुए घटनास्थल के आसपास के 75 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इनमें से एक कैमरे में कमलेश्वर भट्ट एक युवक के साथ चंद्रभागा नदी की ओर जाते दिखाई दिए।
घटना के बाद वही युवक कैमरे में एक पैर में चप्पल और दूसरे में सैंडल पहने हुए दिखाई दिया, जिससे पुलिस को शक हुआ। क्योंकि घटनास्थल पर भी एक चप्पल और एक सैंडल बरामद हुई थी, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि आरोपी ने भागते समय मृतक की सैंडल और अपनी एक चप्पल पहन रखी थी।
आरोपी की गिरफ्तारी और कबूलनामा
पुलिस ने इस आधार पर संदिग्ध युवक की पहचान कर उसकी तलाश शुरू की। आखिरकार 19 वर्षीय विकास उर्फ विको, निवासी डवांगपुर, जिला डांग, नेपाल (हाल निवासी श्रीदेव सुमन मार्ग, ढालवाला) को शनिवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में विकास ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह कुछ समय पहले नेपाल से ऋषिकेश आया था और अपने फूफा विजय थापा के साथ रह रहा था।
वारदात वाले दिन वह और कमलेश्वर भट्ट शराब के नशे में थे। किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई, जिसके बाद गुस्से में आकर विकास ने पास पड़े पत्थर से कमलेश्वर के सिर और चेहरे को कुचलकर उसकी हत्या कर दी।
फरार होने की थी तैयारी, लेकिन पकड़ा गया
हत्या के बाद विकास नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते वह भाग नहीं सका। वहीं, उसके फूफा विजय थापा को जब घटना की जानकारी हुई, तो वह नेपाल भाग गया।
एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि विकास मूल रूप से नेपाली नागरिक है और हाल ही में भारत आया था। उसकी पहचान में समय इसलिए लगा क्योंकि उसका कोई स्थायी रिकॉर्ड नहीं था।
महत्वपूर्ण सुराग: सीसीटीवी और चप्पल
इस मामले के खुलासे में सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल पर मिली चप्पल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये सुराग पुलिस को आरोपी तक पहुंचाने में निर्णायक साबित हुए।