उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच संयुक्त छापेमारी को लेकर छिड़ा विवाद। पढ़ें….
देहरादून। उत्तराखंड पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ की गई एक संयुक्त छापेमारी को लेकर विवाद छिड़ गया है।
ऊधमसिंह नगर पुलिस ने रविवार देर शाम बरेली के फतेहगंज इलाके में एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन किया, जिसमें 25 संदिग्धों को हिरासत में लेने का दावा किया गया।
हालांकि, बरेली पुलिस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने कोई भी व्यक्ति अपने साथ नहीं ले गई है। इस घटना ने दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय की कमी और मतभेदों को उजागर कर दिया है।
ऊधमसिंह नगर पुलिस का दावा
ऊधमसिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा के अनुसार, जिले में ड्रग्स तस्करी पर नकेल कसने के लिए पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए तस्करों से बरेली के ड्रग माफियाओं और पेडलर्स का नाम सामने आया था।
इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 300 पुलिसकर्मियों के साथ बरेली के फतेहगंज इलाके में छापेमारी की गई। पुलिस का दावा है कि इस कार्रवाई के दौरान 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जो मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे।
बरेली पुलिस ने कहा ऐसा कुछ नहीं
बरेली पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस के दावों को खारिज कर दिया है। एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने कहा कि उन्हें इस ऑपरेशन की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। हालांकि, स्थानीय पुलिस चौकी को उत्तराखंड पुलिस के आने के बाद इसकी जानकारी मिली और उन्होंने सहयोग किया।
बरेली पुलिस के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस ने जिन 15 लोगों को हिरासत में लिया, उनमें से 14 के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। केवल एक व्यक्ति पर मारपीट का मामूली मुकदमा था।
गोपनीयता बनाम समन्वय
उत्तराखंड पुलिस का तर्क है कि ड्रग्स माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए गोपनीयता बनाए रखना जरूरी था, ताकि कोई सूचना लीक न हो जाए। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम ने दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय की कमी को उजागर कर दिया है।
बरेली पुलिस ने सवाल उठाया है कि अगर उत्तराखंड पुलिस को इतनी बड़ी कार्रवाई करनी थी, तो उन्हें पहले से सूचना देनी चाहिए थी, ताकि दोनों राज्यों की पुलिस मिलकर समन्वित तरीके से ऑपरेशन कर पाती।
इस घटना के बाद सवाल उठता है कि दोनों राज्यों की पुलिस आगे किस तरह से काम करेगी। क्या उत्तराखंड पुलिस अकेले ही इस तरह की छापेमारी जारी रखेगी, या फिर उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा?
इस मामले में दोनों पक्षों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि ड्रग्स तस्करी जैसे गंभीर मामलों में प्रभावी कार्रवाई की जा सके।