कारस्तानी: दिल्ली की फर्म करेगी उत्तराखंड में सिगरेट और तंबाकू की बिक्री का आदेश फर्जी, मुकदमा दर्ज

दिल्ली की फर्म करेगी उत्तराखंड में सिगरेट और तंबाकू की बिक्री का आदेश फर्जी, मुकदमा दर्ज

देहरादून। जालसाजों की कारस्तानी भी अजब है। अब उत्तराखंड शासन का एक ऐसा आदेश सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए दिल्ली की फर्म को अधिकृत कर दिया है।

सरकार ने इस आदेश को फर्जी और राज्य की छवि धूमिल कराने वाला बताया। प्रकरण में राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) के सहायक आयुक्त राजीव तिवारी ने डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

एसपी सिटी प्रमोद कुमार के अनुसार सहायक आयुक्त राजीव तिवारी ने बताया कि एक फर्जी पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें उत्तराखंड सरकार की ओर से सिगरेट, तंबाकू उत्पादों की खरीद व वितरण का कार्य मैसर्स इंडसन भारत कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड नजफगढ़ रोड नई दिल्ली को देने का जिक्र है।

इसके अलावा पत्र में कंपनी के निदेशक रमा कांत राम व समीर दास को राज्य में तंबाखू उत्पादों की खरीद व वितरण व्यवस्था के लिए राज्य के नोडल एजेंट के रूप में नामित किए जाने और कंपनी की ओर से राज्य सरकार को 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष भुगतान किए जाने की बात कही है।

पत्र पर अवर सचिव जगत सिंह रौतेला के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है। उत्तराखंड शासन की ओर से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।

राज्य सरकार की छवि धूमिल करने के लिए यह फर्जी पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया है। शिकायत के आधार पर अज्ञात के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

वहीं, सहायक आयुक्त राजीव तिवारी के अनुसार चूंकि स्टेट जीएसटी जीएसटी और सेस वसूल करता है, लिहाजा यह एफआईआर विभाग की ओर से दर्ज कराई गई है।

जो फर्जी आदेश वायरल किया गया है, उसमें संबंधित फर्म का सिर्फ नाम है। पत्र में जीएसटी नंबर नहीं है। ऐसे में पुलिस के साथ विभाग भी जांच करेगा कि क्या ऐसी कोई फर्म पंजीकृत है भी या नहीं।

प्रकरण को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने अपील की है कि भ्रामक पत्र पर नागरिक भरोसा न करें और न ही इसे वस्तुस्थिति स्पष्ट कराए बिना प्रसारित न किया जाए।