सिलेंडर फटने से शुरू हुई इस आग में 7 मकान और 5 दुकानों का सामान जलकर खाक हो गया। रात भर अफरा-तफरी का माहौल रहा और स्थानीय निवासियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आग बुझाने के प्रयास किए।
घटना के बाद अग्निशमन दल को सूचित किया गया, लेकिन डेढ़ घंटे बाद दमकल की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।
आग में पूरा सामान जल गया, लेकिन सबसे अधिक नुकसान एक ही परिवार के पांच लोगों के लिए था, जिन्होंने मकान में लगी आग से अपनी जान बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर बाहर कूदकर अपनी जान बचाई।
करीब एक दर्जन आस पास के भवनों को भी क्षति पहुंची है। अग्निशमन दस्ता सूचना के करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंचा तब आग काफी बेकाबू हो चुकी थी किसी तरह आस पास के लोगों ने पानी की बाल्टियां और फायर सर्विस द्वारा करीब साढ़े तीन घंटे पर आग पर काबू पाया जा सकता।
पुलिस जवानों को छोड़कर कोई भी जिम्मेदार विभाग समय से मौके पर पहुंचे में नाकाम साबित हुए जिससे पीड़ित परिवार और आसपास के लोगों में भी भारी आक्रोश बना रहा, आग के कारणों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है।
प्रभावित परिवारों में राकेश भंडारी, कल्याण सिंह रावत, महिपाल सिंह रावत, शैलेन्द्र नेगी, मंगल सिंह नेगी, पृथ्वीपाल सिंह, और यशपाल रावत शामिल हैं।