अल्मोड़ा बस हादसा: जांच कमेटी ने ओवरलोडिंग व इन बिंदु को माना हादसे की वजह। आप भी पढ़ें….
- अल्मोड़ा बस हादसे के बाद घटित की गई जांच कमिटी ने ओवरलोडिंग, खराब सड़क, वाहन की कमानी टूटना व क्रैश बैरियर का न होना को मुख्य रूप से घटना का कारण माना है।
अल्मोड़ा। दिनांक 04 नवम्बर, 2024 को अल्मोड़ा जिले के तहसील सल्ट के अन्तर्गत मरचूला के पास ग्राम यूपी में एक बस वाहन संख्या- UK12-PA-0061 दुर्घटनाग्रस्त होने से बस में सवार 36 यात्रियों की मृत्यु एवं 27 अन्य यात्रियों के गम्भीर रूप से घायल होने की सूचना प्राप्त हुई है।
उक्त घटना के क्रम सम्भागीय परिवहन अधिकारी, (प्रवर्तन) पौडी एवं प्रभारी सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, (प्रवर्तन) रामनगर को प्रथम दृष्ट्या अपने उत्त्तदायित्वों का सही ढंग से निर्वहन न किये जाने के दृष्टिगत निलम्बित करते हुए मुख्यालय सम्बद्ध कर दिया गया है।
इसी क्रम में परिवहन आयुक्त कार्यालय के पत्र संख्या-3023/स०सु०/ दुर्घटना/ 2024 दिनांक 04 नवम्बर, 2024 के द्वारा श्री राजीय कुमार मेहरा की अध्यक्षता में परिवहन आयुक्त कार्यालय में कार्यरत लीड एजेन्सी वो साथ जे०पी० रिसर्च इण्डिया के कैश इन्वेस्टिगेशन विशेषज्ञों को दुर्घटना की जाप करने हेतु निर्देशित किया गया है।
उक्त दुर्घटना में मृतक एवं घायलों के आश्रितों को तत्कालं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि के अन्तर्गत परिवहन आयुन्त कार्यालय के पत्र संख्या 126002/दुरा.नि/आठ-7/यू०वी०-01/2024 दिनांक 04 नवम्बर, 2024 के द्वारा (चैक संख्या 000212 दिनांक 04-11-2024) जिलाधिकारी, अल्मोड़ा को रूपये 50,00,000.00 (रुपये पचास लाख मात्र) की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी, अल्मोड़ा के पत्र संख्या-921/चौतीस ए०आर०ए०/ 2024-25 दिनांक 06 नवम्बर, 2024 के अन्तर्गत उनके द्वारा उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि अल्मोड़ा के संचालित खाता संख्या-38150522263 में अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होने के दृष्टिगत रूपये 50,00,000.00 (रूपये पचास लाख मात्र) की धनराशि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया है। धनराशि आवंटन के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है।
उक्त दुर्घटना के प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार प्रथम दृष्टया दुर्घटना के निम्न कारण बताये गये हैः-
1- वाहन का ओवरलोड होना
2- वाहन की कमानी टूट जाना
3- मार्ग का संकरा तथा गढ़वा युक्त होना
4- क्रैश बैरियर न होना
5- पर्व त्यौहार एवं अन्य विशेष अवसरों पर पर्याप्त मात्रा में सवारी वाहनों का उपलब्ध न होना।
दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु स्टेक होल्डर विभागों द्वारा निम्न बिन्दुओं पर योजना बद्ध रूप से कार्यवाही की जा रही है-
1- दुर्घटना संभाचित स्थलों पर कैश बैरियर लगाये जाने आवश्यक है। जिस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्यवाही मतिमान है।
2- दुर्घटना स्थलों के पास उपलब्ध एम्बुलेन्सी सेवाओं के पहुंच समय को कम किये जानेकी आवश्यकता है। जिस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
3- ओवर लोडिंग के विरूद्ध पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा सघन संयुक्त बैंकिंग अभियान चलाये जाने हेतु निर्देश जारी किये जा रहे है।
4. धीमी गति सम्बन्धी चेतावनी संकेत, सड़क घुमावदार, डेलीनेटर, रिफलेक्टर आदि बोर्डल गाये जाने की आवश्यकता है। जिसे अभियान के रूप में सम्पन्न किया जाना प्रस्तावित है।
5- पर्वतीय क्षेत्रों में प्रत्येक उपसम्भाग में पूर्णकालिक सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) का पद सृजित कर तैनाती दिया जाना प्रस्तावित है।
6-प्रवर्तन दल के अतिरिक्त पर्वतीय क्षेत्रों में तहसील स्तर पर मोटर साईकिल दल तैनात किया जाना प्रस्तावित है। जिनका मुख्य उत्तरदायित्व दुर्घटनाकारी अपराधों पर नियंत्रण होगा।
7- विशेष पर्वतीय मार्गों पर वाहनों की आयु सीमा निर्धारण में राज्य सरकार को अधिकार दिये जाने के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।