गजब: पेयजल योजना तो बनी पर ग्रामीणों के नल तक नहीं पहुंचा जल। अब करना होगा 15 दिन और इंतेज़ार

पेयजल योजना तो बनी पर ग्रामीणों के नल तक नहीं पहुंचा जल। अब करना होगा 15 दिन और इंतेज़ार

रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। पानी की समस्याओं को लेकर ग्रामीण पहुंचे बहुउद्देशीय शिविर में, जल निगम के अधिकारियों ने इस IAS अफसर को झूठ बोलकर गुमराह कर दिया। 15 दिन के अंदर पानी की उचित व्यवस्था करने के मुख्य विकास अधिकारी ने आदेश दिए।

हर घर नल से जल योजना के तहत पार्था में करोड़ रुपये की लागत से बनी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। डेढ़ साल से लगातार ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन सहित तमाम उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत भी करा दिया है, लेकिन ग्रामीणों के नल पर पानी की एक बूंद नहीं आ रही है।

ऐसे में अब जल निगम के कार्य प्रणाली के साथ-साथ उनके अधिकारियों पर भी अनदेखी एवं मनमानी तरीके से करोड़ रुपये की लागत से बनी महत्वपूर्ण योजना की बंदर बाट करने का आरोप लग रहा है।

बहुउद्देशीय शिविर में ग्रामीणों के द्वारा एक पत्र जिला अधिकारी को दिया गया, जिस शिविर की अध्यक्षता चमोली के मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार ने की।

ग्रामीणों ने कहा कि 2022 में हर घर नल से जल की योजना पूरी हो गई है, लेकिन गाँव वाले पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं और जलनिगम के अधिकारी उच्चाधिकारियों को गुमराह कर करोड़ रुपयों की लागत से बनी पेयजल योजना भ्रष्टाचार के भेट चढ़ गई।

बहुउद्देशीय शिविर में मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार ने जल निगम के अधिकारियों को तत्काल पेयजल योजना को दुरस्त करने और पानी सुचारू करने के 15 दिन का समय दिया है और ग्रामीणों को 15 दिन के भीतर पानी की व्यवस्था की जाए।

लेकिन अब देखने वाली बात होगी कि, क्या जल निगम 15 दिन में ग्रामीणों को पानी दे पाता है या पहले की तरह ग्रामीण 2 किलोमीटर दूर से अपने कंधे पर पानी का बोझ लेकर अपने घर तक पहुचेंगे। जल निगम में लगातार भ्रष्टाचार बढ़ता नजर आ रहा है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई करेगी या सरकारी योजनाओं पर ऐसे ही पलीता लगता रहेगा।