देश-प्रदेश में बेसहारा व मजबूर लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य
देहरादून। पूरे देश भर में फैली महामारी कोरोना वायरस covid-19 के चलते देश में लॉकडाउन किया गया है। जिसके कारण आम जन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सरकार द्वारा दिये गए फैसले का जनता सम्मान भी कर रही है। आमजन का कहना है कि, सरकार का फैसला देश हित में है। जनता के स्वास्थ्य का ध्यान सरकार द्वारा रखा जा रहा है। परंतु गरीब मजदूरी करने वाले लोगों के सामने रोटी का संकट आ खड़ा हो गया है। गरीब परिवार के लोग रोजाना मेहनत मजदूरी करते है जिससे उनका परिवार चल पाता है पर लॉकडाउन होने के कारण से लोग काम पर नही जा पा रहे है और रोटी कामना मुश्किल हो गया है। इन्ही परेशानियों को देखते हुए उत्तराखंड राज्य में समाजसेवी संस्थाएं गरीब परिवारों को चिन्हित कर घर-घर जाकर राशन सामग्री उन परिवारों को उपलब्ध करवा रहीं है।
वहीं कुछ संस्थाएं भोजन पका कर भंडारे के रूप में लोगों को खिला रहीं है। जब हमने कुछ संस्थाओं से बात की तो उनका कहना है कि, इस महामारी के दौर में हमारे द्वारा जो भी सहायता हो पा रही है हम कर रहें है। हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि, यदि किसी व्यक्ति को एक टाइम का भरपेट भोजन भी मिल जाये तो उसके लिए वो भी जीवनदान जैसा है। हम सभी संस्थाओं के लोग बेसहारा व मजबूर लोगों की मदद के लिए कर रहें है।शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गरीबों को राशन, भोजन समेत जरूरी उपयोग का सामान आदि दिया जा रहा है। ताकि इस परेशानी के समय पर कोई भी परिवार भूखा न रहे। इसी सहायता में हरीश रावत विचार मंच की टीम भी पिछले तीन दिनों से जरूरतमंद लोगों को घर-घर कच्चा राशन पहुंचाने का काम कर रहीं हैं। मंच के अध्यक्ष गुल मोहम्मद ने बताया कि, सबसे पहले तो मैं अपनी टीम का धन्यवाद करता हूँ जो
इस मुश्किल की घड़ी में भी लोगों तक इस महामारी से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। क्योंकि इस मुसीबत की घड़ी में हम सभी लोगों को सरकार के आदेशों का पालन करना है उनके द्वारा दिये जा रहे दिशानिर्देशों पर चलना है तभी हम इस महामारी से निजात पा सकते है। साथ ही यह काम अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता इसलिए हम सभी लोगों को इस लॉकडाउन के समय में एकजुट होकर अपने-अपने क्षेत्र में बेसहारा व मजबूर लोगों की मदद करनी चाहिये। साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि, कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म, महजब या देश का है पर है तो इंसान ही और इंसानियत के नाते हम सभी का फर्ज बनता है कि जो भी मदद स्वयं से बन सके वो जरूर करें।