कड़े कदम उठाने के लिए माफी चाहता हूँ
– 130 करोड़ देशवासियों को बचाने के लिए नहीं था और कोई रास्ता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम में मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। साथ ही लॉकडाउन के दौरान जनता को होने वाली परेशानियों पर अपनी बात रखी। पीएम ने मन की बात में कोरोना को हराने वाले कुछ लोगों व डॉक्टरों से भी बात की। उन्होने कहा, सबसे पहले मैं देशवासियों से क्षमा मांगता हूँ। मुझे विश्वास है कि, आप मुझे जरूर क्षमा करेंगे। मुझे कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको परेशानी हुई है। गरीब भाई-बहनों से क्षमा मांगता हूँ। आपकी परेशानी समझता हूं, लेकिन 130 करोड़ देशवासियों को बचाने के लिए इसके सिवा और कोई रास्ता भी नहीं था।
इसलिए ये कठोर कदम उठाना आवश्यक था। दुनिया की हालत देखने के बाद लगा था कि, यही एक रास्ता बचा है।कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये हर किसी को चुनौती दे रहा है। ये वायरस इंसान को मारने की जिद उठाए हुए है। सभी लोगों को, मानव जाति को एकजुट होकर इस वायरस को खत्म करने का संकल्प लेना ही होगा। ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको खुद को और अपने परिवार को बचाना है। आपको लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है। कोई कानून, कोई नियम नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग अभी भी ऐसा कर रहे हैं, वो परिस्थितियों की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं।
उन्होने यह भी कहा, आरोग्य ही सबसे बड़ा धन है। नियम तोड़ने वाले अपने व दूसरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा करने से इस वायरस से बचना मुश्किल होगा। इस लड़ाई के योद्धा डॉक्टर, पैरा मेडिकल व अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग हैं। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूँ। धन और किसी खास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिए, दया भाव रखकर कार्य करता है।
वो सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है जो हमारे फ्रंट लाइन सोल्जर हैं। खासकर के हमारी नर्सेज बहनें हैं, नर्सेज का काम करने वाले भाई हैं, डॉक्टर हैं, पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, ऐसे साथी जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। साथियों हमारे यहां तमाम साथी आपको, पूरे देश को इस संकट से बाहर निकालने में जुटे हैं। ये जो बाते हमें बताते हैं उन्हें हमें सुनना ही नहीं है, बल्कि उन्हें जीवन में उतारना भी है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, मानवता से भरी हुई हर नर्स को आज मैं नमन करता हूं। आप सभी जिस सेवा भाव से कार्य करते हैं वो अतुलनीय है। ये भी संयोग है कि, वर्ष 2020 इंटरनेशनल ईयर ऑफ द नर्सेज़ एंड मिडवाइफ के तौर पर मना रहा है। आप जैसे साथी चाहे वो डॉक्टर हों, नर्स हों, पैरा मेडिकल, आशा, एएनएम कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी हो आपके स्वास्थ्य की भी देश को बहुत चिंता है।
इसी को देखते हुए ऐसे करीब 20 लाख साथियों के लिए 50 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा सरकार ने की है। जरा आप अपने पड़ोस में मौजूद छोटी परचून की दुकान के बारे में सोचिए, उन ड्राइवरों, उन वर्कर्स के बारे में सोचिए, जो बिना रुके अपने काम में डटे हैं ताकि देशभर में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के चेन में कोई रुकावट ना आए। साथियों हमारे यहां तमाम साथी आपको, पूरे देश को इस संकट से बाहर निकालने में जुटे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा, जरा सोचिये की आप लॉकडाउन के समय भी जो टीवी देख पा रहे हैं, घर में रहते हए जिस फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन सब को सुचारू रखने के लिए कोई न कोई अपनी जिंदगी खपा रहा है। आपने देखा होगा, बैंकिंग सेवाओं को सरकार ने चालू रखा है और बैंकिंग क्षेत्र के हमारे लोग पूरे लगन से, आपकी सेवा में मौजूद हैं। आज के समय, ये सेवा छोटी नहीं है। उन बैंक के लोगों का भी हम जितना धन्यवाद करें, उतना कम है।
साथियों मुझे कुछ ऐसी घटनाओं का पता चला है जिनमें कोरोना वायरस के संदिग्ध या फिर जिन्हें होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है। उनके साथ कुछ लोग बुरा बर्ताव कर रहे हैं। ऐसी बातें सुनकर मुझे अत्यंत पीड़ा हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोग कोई अपराधी नहीं हैं बल्कि वायरस के संभावित पीड़ित भर हैं। इन लोगों ने दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए खुद को अलग किया है और क्वारंटाइन में रह रहे हैं। कई जगह पर लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लिया है।