हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले भूमाफियाओं की अग्रिम जमानत खारिज
देहरादून। न्यायालय सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल की अदालत ने दून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले भूमाफिया जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है।
कोर्ट ने साफ कहा कि आरोपियों पर आरोप अत्यंत गंभीर हैं और मामला एक अपराधिक षड़यंत्र से जुड़ा है। इन परिस्थितियों में आरोपियों की अग्रिम जमानत खारिज की जाती है।
आरोपी जितेंद्र खरबंदा निवासी ट्रफलगर अपार्टमेंट धोरणखास व अजय पुंडीर निवासी कृषाली सहस्त्रधारा रोड की ओर से अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय सत्र न्यायाधीश में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दाखिल किया था।
वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता गुरु प्रसाद रतूड़ी ने प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी जितेंद्र खरबंदा व अजय पुंडीर ने अपराधिक षड़यंत्र के तहत पीड़ित से देहरादून में जमीन खरीदने के नाम पर बालाजी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निवेश करने के लिए 19 करोड़ रुपये लिए, लेकन अपनी निजी कंपनी में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निवेश किया।
साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अंजनी इंफ्रा प्रोजेक्ट के नाम से वर्ष 2018 से 2017 में एमओयू किया, जबकि यह कंपनी वर्ष 2013 से अस्तित्व में ही नहीं थी आरोपियों ने षड़यंत्र के तहत पीड़ित के साथ 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
इस तरह रची गई करोड़ों रुपए की ठगी की साजिश
पीड़ित मुकेश कुमार निवासी विवेक विहार दिल्ली ने बताया कि उनके परिचित जितेंद्र खरबंदा ने उनसे संपर्क कर बताया कि वह देहरादून में जमीन लेकर हाउसिंग सोसाइटी बनाने जा रहा है।
उत्तराखंड में बाहर का व्यक्ति 250 वर्ग गज से अधिक जमीन नहीं खरीद सकता है, ऐसे में वह अपने सहयोगी अजय पुंडीर, जो कि उत्तराखंड का मूल निवासी है, के सहयोग से जमीन खरीदेगा।
पीड़ित ने बताया कि दिसंबर 2017 को जितेंद्र खरबंदा ने अंजनी इंफा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाई और जमीन खरीदने के लिए अजय पुंडीर के खाते में धनराशि डालने के लिए कहा।
मोटा मुनाफा देखकर उसने विभिन्न तिथियों को अजय पुंडीर, बाला जी डेवलप वेल प्राइवेट लिमिटेड, अजय खरबंदा, बालाजी इंफ्रा शाइन व अन्य के खातों में 19 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस मामले में जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो कोर्ट के आदेश पर 11 जुलाई को मुकदमा दर्ज हुआ।
दून वैली कोलोनाइजर्स से कर चुके हैं 12 करोड़ की धोखाधड़ी
इससे पूर्व आरोपी दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी के निदेशक पटेलनगर निवासी प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी की तरला नागल में कंपनी की 36 बीघा भूमि है।
आरोपी जितेंद्र खरबंदा ने खुद को बालाजी डेवलपर्स कंपनी का निदेशक बताया और प्रदीप नागरथ को हाउसिंग प्राेजेक्ट का प्रस्ताव दिया।
आरोपितों ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ के रुपये की ठगी कर दी। इस मामले में राजपुर थाना पुलिस ने 13 अप्रैल 2024 को आरोपित जितेंद्र खरबंदा, अजय खरबंदा, अजय पुंडीर, रीमा खुराना, सीमा खुराना सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।