आकाशीय बिजली गिरने से 350 बकरियों की जलकर मौत
उत्तरकाशी में आकाशीय बिजली गिरने से लगभग 350 बकरियां जल कर मरने की खबर आ रही है। शनिवार रात करीब 9 बजे अचानक मौसम खराब होने के दौरान आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से करीब लगभग 350 बकरियां जलकर मर गई।
विकासखंड डुंडा के खट्टूखाल गांव के समीप मथानाऊ तोक के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से लगभग 350 बकरियों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी है।
प्रशासन का कहना है कि रविवार को प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंचेगी। बार्सू क्षेत्र के ग्रामीणों की बकरियां ग्रीष्म काल शुरु होते ही मैदान से पहाड़ी क्षेत्र की ओर आ रही थी।
ग्रामीण रामभगत सिंह, प्रथम सिंह और संजीव सिंह की करीब 1000-1200 बकरियां मैदानी क्षेत्रों के जंगलों से पहाड़ी क्षेत्रों में आ रही थी।
शनिवार रात को वह डुंडा के खट्टूखाल के समीप मथानाऊ तोक में पहुंचे थे। जहां रात करीब नौ बजे अचानक मौसम खराब होने के दौरान आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से लगभग 350 बकरियां जलकर मर गई।
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। जहां पर्यटन धनौल्टी में देर शाम को जमकर ओले पड़े। खुमानी, आडु और नाशपति में ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ।
उधर, विकासखंड डुंडा के खट्टूखाल गांव के समीप मथानाऊ तोक के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 350 बकरियों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी है। प्रशासन का कहना है कि रविवार को प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंचेगी।
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बार्सू क्षेत्र के ग्रामीणों की बकरियां ग्रीष्म काल शुरु होते ही मैदान से पहाड़ी क्षेत्र की ओर आ रही थी। ग्रामीण रामभगत सिंह, प्रथम सिंह और संजीव सिंह की करीब 1000-1200 बकरियां मैदानी क्षेत्रों के जंगलों से पहाड़ी क्षेत्रों में आ रही थी। शनिवार रात को वह डुंडा के खट्टूखाल के समीप मथानाऊ तोक में पहुंचे थे।जहां रात करीब नौ बजे अचानक मौसम खराब होने के दौरान आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से करीब 350 बकरियां जलकर मर गई।
ग्रामीणों ने इसकी सूचना भटवाड़ी ब्लाक प्रमुख विनीता रावत को दी। ब्लाक प्रमुख विनीता रावत ने घटना से जिलाधिकारी व जिला आपदा प्रबंधन विभाग को अवगत कराया।
तहसीलदार डुंडा प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि, आकाशीय बिजली गिरने से बकरियों के मरने की सूचना मिली है। रविवार सुबह क्षति का आंकलन व मौत के कारणों की जानकारी के लिए प्रशासन व पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंचेगी।