बैरागी अखाड़ों में चला बुलडोजर। संतों में आक्रोश
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। बैरागी कैंप में 2 दिन पूर्व उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया गया था। इसको लेकर बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई थी।
आज बैरागी अखाड़ों के साधु संतों द्वारा बैठक कर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई की निंदा की गई।
वही संतों का कहना है कि, बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण पर उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा स्टे दिया गया था, मगर उसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।
बैरागी दिगंबर अखाड़े के वरिष्ठ संत बाबा हठयोगी का कहना है कि, 2021 कुंभ मेले के बाद प्रशासन द्वारा बैरागी कैंप से अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया गया था, मगर एक बार फिर बैरागी कैंप में बुलडोजर चलाया गया।
यह भूमि बैरागी अखाड़ों को कुंभ मेले में आवंटित की जाती है, मगर शासन-प्रशासन को अखाड़े द्वारा किया गया अतिक्रमण ही दिखाई देता है। उन्हे बैरागी कैंप में और अतिक्रमण नहीं दिखता।
साधु संत अवैध अतिक्रमण पर शासन प्रशासन के साथ है। अगर 1986 के वक्त का बैरागी कैंप किया जाए अवैध अतिक्रमण के नाम पर सिर्फ बैरागी अखाड़ों को ही परेशान किया जा रहा है, यह बैरागी अखाड़ों के साथ अन्याय है, साधु संत इसका पुरजोर विरोध करेगा।
इनका कहना है कि, बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण पर उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है, मगर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने बुलडोजर चलाकर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।
वरिष्ठ संत महंत विष्णु दास का कहना है कि, बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण को लेकर 2024 तक उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है मगर उसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बैरागी अखाड़ों में जिस तरह की यह कार्रवाई की गई यह काफी निंदनीय है।
अभी तक यह भी कंफर्म नहीं हो सका है कि, यह भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की है या उत्तराखंड की। इसके कंफर्म होने के बाद हमारे द्वारा उस विभाग से वार्ता की जाएगी।
इनका कहना है कि, बैरागी कैंप में स्थाई निर्माण की तरफ किसी का ध्यान नहीं है और ना ही उसे हटाया जा रहा है। सिर्फ बैरागी अखाड़ों पर ही बुलडोजर चलाया जाता है।
स्थानीय पार्षद सचिन अग्रवाल का कहना है कि, धर्मवीर सैनी कांग्रेस नेता द्वारा हाईकोर्ट में पीएल डाली गई थी कि, बैरागी अखाड़े में अवैध अतिक्रमण है।
इस पर सिंचाई विभाग द्वारा 658 परिवार की एक सूची बनाई थी, जिसे अवैध अतिक्रमण के नाम पर हटाया जाना था। इसको लेकर हम हाईकोर्ट गए और हमें स्टे मिला, इसमें 658 परिवार और तीनों अखाड़े भी सम्मिलित है।