बड़ी खबर: कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा। कहा, मेयर से माफी मांगे मुख्य नगर आयुक्त

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा। कहा, मेयर से माफी मांगे मुख्य नगर आयुक्त

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार नगर निगम में कांग्रेस और बीजेपी का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2 दिन पूर्व नगर निगम एमएलए ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया को लेकर बीजेपी पार्षद और मेयर पति अशोक शर्मा के बीच कहासुनी हुई थी, इसके बाद टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा था।

बीजेपी पार्षदों द्वारा मेरे पति पर गंभीर आरोप लगाए गए तो वहीं कांग्रेस भी बीजेपी पार्षदों पर टेंडर प्रक्रिया में धांधली करने और मेयर अनीता शर्मा का अपमान करने का आरोप लगा रही है।

आज नगर निगम में कांग्रेस महानगर कार्यकारी अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और मुख्य नगर आयुक्त को चेतावनी दी कि, उनके द्वारा एक पार्टी से मिलीभगत कर कार्य न किया जाए और मेयर के अपमान पर उनसे माफी मांगे, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।

कांग्रेस महानगर कार्यकारी अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी का कहना है कि, हम मुख्य नगर आयुक्त को चेतावनी देते हुए कहना चाहते हैं कि, कांग्रेस द्वारा बोर्ड चलाया गया है और हमें पता है नगर निगम का बाइलॉज क्या है। अगर मुख्य नगर आयुक्त पार्टी बनकर पार्षदों को कहेगा कि मैं तुम्हें ठेकेदारी करवाऊंगा तो इसको हम चलने नहीं देंगे।

आज नगर निगम में हमारे युवा और पढ़े-लिखे पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं। कांग्रेस की मेयर अनीता शर्मा पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। मगर मेयर का अपमान किया जाएगा, यह अच्छी बात नहीं है। इसी कारण आज हमे नगर निगम में धरने पर बैठना पड़ा है।

मेयर का अपमान अगर कोई करेगा तो उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे अधिकारी के खिलाफ कुछ भी करने को तैयार रहेंगे। आज भाजपा की सरकार है, कल कांग्रेस की सरकार होगी। अधिकारी को कांग्रेस और भाजपा के साथ सभी पार्टी का सम्मान करना चाहिए।

इनका कहना है कि, मेयर अनीता शर्मा से सम्मान पूर्वक माफी मांगी जाए, तभी नगर निगम बोर्ड चल पाएगा।

वहीं बीजेपी से नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि, मेयर पति अशोक शर्मा की अधिकारियों के साथ विवाद की स्थिति बनी रहती है। नगर निगम में कार्य करने वाली कंपनियों के साथ भी उनके झगड़े होते रहते हैं, जो कंपनियां नगर निगम में कार्य नहीं कर पाती बोर्ड उसे हटाने का कार्य करता है।

तो मेयर पति अशोक शर्मा द्वारा उसमें हस्तक्षेप किया जाता है। मुख्य नगर आयुक्त के ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया को लेकर बैठक की गई थी, उसमें सिर्फ प्रस्ताव नगर निगम जमीन पर सौंदर्यकरण को लेकर था, बाकी कोई प्रस्ताव नहीं थे।

मगर मेयर पति द्वारा वहां बोला गया कि, 50 करोड की संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इनका कहना है कि, बीजेपी के कार्यकाल में नगर निगम की जमीन को किसी को नहीं दिया गया। मगर कांग्रेस के कार्यकाल में नगर निगम की कई संपत्तियों पर कब्जे हो गए।

हमारी मांग है कि, जितने नगर निगम की भूमि पर कब्जे है उसको मुक्त कराया जाए। मेयर पति ने मेयर पद की गरिमा को खत्म कर दिया है। आने वाले मेयर को बताना पड़ेगा कि, मैं हरिद्वार का मेयर हूं।