इस विद्यालय में विज्ञान और अंग्रेजी शिक्षकों के पद रिक्त। एलटी में 4 शिक्षकों के भरोसे चल रहा पठन-पाठन
रिपोर्ट- सूरज लडवाल
चंपावत। इस आधुनिक और हाईटेक युग में जहां एक ओर इंसान बेहतर शिक्षा के बलबूते मंगल पर जीवन की खोज करने में जुटा है। वहीं दूसरी ओर पार्टी विकासखण्ड के राइंका रीठाखाल के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था तक नहीं है।
जी हां बात कर रहे हैं, उस विद्यालय की जहां शिक्षा के निजीकरण के युग में भी आज राइंका रीठाखाल में 450 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग 450 छात्र संख्या वाले ऐसे विद्यालय में बेहतर व्यवस्थाएं नहीं दे पा रहा तो अन्य विद्यालयों के छात्रों के प्राइवेट विद्यालयों की ओर लगातार बढ़ रहे रूख को कैसे रोक पाएगा। बताते चलें कि, 450 छात्र संख्या वाले राइंका रीठाखाल में एलटी के मात्र 4, प्रवक्ता एक और दो गेस्ट टीचर हैं।
विद्यालय में प्रधानाचार्य पद, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षकों का टोटा छात्रों के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड़ को प्रदर्शित कर रहा है। जिसकी कई बार विभाग को जानकारी दी गई, लेकिन जिले का शिक्षा विभाग इन छात्रों के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं कर पाया है।
वहीं विद्यालय में संस्कृत विषय होने के बाद भी यहां संस्कृत शिक्षक के लिए कोई पद सृजित नहीं है। इसके साथ-साथ विद्यालय में कक्षों की भी उचित व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते अंग्रेजी व संस्कृत विषयों की पढ़ाई के वक्त एक विषय के विद्यार्थियों को खुली आसमान के नीचे बैठना पड़ रहा है। यही स्थिति गणित और गृह विज्ञान की पढ़ाई के दौरान भी देखने को मिलती है।
अगर इस दौरान बारिश हो तो फिर दोनों विषयों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। कई बार विद्यालय प्रबंधन समिति ने जिले के तमाम अधिकारियों को मौखिक व पत्र के माध्यम से इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन नतीजा हर बार ढाक के तीन पात रहा।
अनियमितताओं के बाद एक बार फिर जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। शिक्षा विभाग द्वारा लंबे समय से राईका रीठाखाल की समस्या का समाधान न किया जाना वाकई चिंता का विषय बना हुआ है।