सम्मान: वरिष्ठ पत्रकार हरेंद्र बिष्ट और अर्जुन बिष्ट को मिलेगा मैती सम्मान। पत्रकारों में खुशी

वरिष्ठ पत्रकार हरेंद्र बिष्ट और अर्जुन बिष्ट को मिलेगा मैती सम्मान। पत्रकारों में खुशी

 

थराली- गिरीश चंदोला
थराली। विभिन्न क्षेत्रों के कार्यरत राज्य के 10 लोगों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए इस वर्ष का मैती सम्मान आगामी 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर नारायणबगड़ विकासखंड के सणकोट गांव में आयोजित एक पर्यावरण विचार गोष्ठी एवं मैती सम्मान समारोह में दिया जाएगा।

पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती ने बताया कि, अपने संसाधनों से सणकोट गांव में एक बड़े जंगल की स्थापना करने वाले एवं राज्य के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् स्व० नारायण सिंह नेगी की प्रथम पूर्ण स्मृति पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ग्रामीणों ने सणकोट में 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं।

इस कार्यक्रम में पूर्व रियर एडमिरल ओम प्रकाश राणा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। जबकि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा करेंगे। कार्यक्रम में पूर्व एडीजीआईसी एफआरई देहरादून डॉ विजय राज सिंह रावत, पर्यटन विभाग श्रीनगर के कार्यक्रम अधिकारी डॉ सर्वेश उनियाल, जिला पंचायत चमोली के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, नारायणबगड़ के ब्लाक प्रमुख यशपाल सिंह नेगी आदि के भाग लेने की संभावना है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मैती संस्था देहरादून की अध्यक्ष चंद्रावती आसवाल, क्षेपंस सरस्वती देवी,सणकोट की सरपंच धनुली देवी, ममंद अध्यक्ष यशोदा देवी,युमंद अध्यक्ष दिगम्बर सिंह बिष्ट, मंदिर समिति अध्यक्ष हरेंद्र नेगी को विशेष जिम्मेदारी दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में व्यापार कर अधिकारी रामनगर सितेश्वर आनंद, हेनवविवि परिसर पौड़ी के निदेशक डॉ प्रभाकर बड़ोनी, पिंडर घाटी के प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ हरपाल सिंह नेगी,माल देवता देहरादून के प्रवक्ता गिरीश चन्द्र पुरोहित, देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन बिष्ट, गौचर रेंज के रेंजर पंकज ध्यानी, कोट मल्ला के प्रधानाध्यापक सत्येंद्र भंडारी, तेफना के प्रधानाध्यापक मनोज सती, पत्रकार हरेंद्र बिष्ट एवं नियो विजन फाउंडेशन देहरादून के गजेंद्र रमोला को मैती सम्मान से नवाजा जाएगा।

बताया कि, इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के अलावा विश्व के लिए बेहद संवेदनशील बुग्यालों के संरक्षण एवं संवर्धन पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी।