वनों का संरक्षण ना हुआ तो खतरे में आ जायेगा मानव अस्तित्व: महापौर
– वानिकी दिवस पर जंगलराज बैरियर में चला पौधारोपण अभियान
– वनों पर आरियां चलने से उत्पन्न हुई ग्लोबल वार्मिंग की समस्या
ऋषिकेश। विश्व वानिकी दिवस पर महापौर अनिता ममगाई ने जंगलात बैरियर पर वन्यकर्मियों के साथ पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान विभिन्न फलदार एवं औषधीय पौधे रोंपें गये।
सोमवार की दोपहर विश्व वानिकी दिवस पर महापौर की अगुवाई में चले पौधारोपण कार्यक्रम में मौजूद उपस्थिति ने वनों को बचाने के लिए सजग प्रहरी के तौर पर कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर महापौर ने कहा कि, पौधे लगाने में तो सरकारी व सामाजिक संगठन तत्परता दिखा रहे हैं, लेकिन इन पौधों के संरक्षण करने वाले हाथ कमजोर पड़ गए हैं।
यही वजह है कि, हर साल रोपित होने वाले करीब 60 फीसदी पौधे तो अपने जीवन का पहला चक्र भी पार नहीं कर पाते और दम तोड़ देते हैं। इसी वजह से आबोहवा में सुधार नहीं आ रहा है। महापौर ने कहा कि, लोगों की लापरवाही से हर वर्ष जंगल धधक उठते हैं जिससे वनों की क्षति के साथ साथ वन्य जीवों का जीवन भी खतरे में आ जाता है।
इसके प्रति सचेत होने की आवश्यकता है। वानिकी दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर प्रत्येक भारतीय को जोड़ने पर जोर देेेते हुए महापौर ममगाई ने कहा कि जंगल वस्तुतः एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्ना प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं।
किंतु पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है, उससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर का पिघलना जैसी विकट समस्याएं शुरू हुई हैं। अगर हमने अभी भी ध्यान नहीं दिया आने वाले कुछ दशकों में प्रकृति तो रहेगी किंतु मनुष्य का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा।
जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक प्राणवायु देने वाले जंगलों का हम अब तक मूल्य नहीं समझ पाए हैं और ना ही यथोचित सम्मान हम उन्हें दे पाए हैं। अब समय की मांग है कि वनों को बचाने के लिए सामुहिक प्रयास किए जायें ताकि पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
इस दौरान पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, रामपाल (वन दरोगा), दीपक सिंह (वन बीट अधिकारी), सुनीता (वन बीट अधिकारी), सुनील अनुराग उपस्थित रहे।