बिग ब्रेकिंग: उन्नाव रेप केस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

उन्नाव रेप केस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए दोषी ठहराए जा चुके पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने सजा सस्पेंड किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश पारित किया।

मामले की अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी, वहीं कोर्ट ने सेंगर से दो हफ्ते के भीतर जवाब भी मांगा है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को अपील लंबित रहने तक सस्पेंड करते हुए सशर्त जमानत दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उस जमानत आदेश पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी कॉज लिस्ट के अनुसार, इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने की।

गौरतलब है कि CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले, पीड़िता के परिजनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी सजा सस्पेंड किए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया था।

उनका कहना था कि इस फैसले से “न्याय प्रणाली पर लोगों का भरोसा कमजोर हुआ है” और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर गलत संदेश गया है।

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI ने सेंगर की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए अपराध की गंभीरता और उससे जुड़े संभावित खतरों को रेखांकित किया था।

बावजूद इसके, जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा सस्पेंड कर उन्हें कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी थी।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

इस मामले ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए मामले से जुड़े सभी केस उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिए थे और रोजाना ट्रायल चलाने के निर्देश दिए थे।