बड़ी खबर: अंकिता भंडारी केस में नया विवाद। वायरल वीडियो, कांग्रेस का दबाव और पुलिस का जवाब। पढ़ें….

अंकिता भंडारी केस में नया विवाद। वायरल वीडियो, कांग्रेस का दबाव और पुलिस का जवाब

देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड का मुद्दा गरमा गया है। सोशल मीडिया पर पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी और अभिनेत्री उर्मिला सनावर का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रही है और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठा रही है।

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कांग्रेस का आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग

मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और कथित वीआईपी आरोपी के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की।

कांग्रेस का कहना है कि इस संवेदनशील मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।

यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की

अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर यूथ कांग्रेस ने लैंसडाउन चौक के पास भाजपा महानगर कार्यालय कूच का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने कनक चौक के पास बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक दिया।

इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी कर रही थीं।

वीआईपी को लेकर लगाए गए आरोप

विवाद की जड़ हाल ही में वायरल हुआ वह वीडियो है, जिसमें उर्मिला सनावर ने भाजपा के एक बड़े नेता पर गंभीर आरोप लगाते हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी की भूमिका का दावा किया है।

वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार उठा रही है, जबकि भाजपा नेताओं की ओर से भी बयान सामने आ रहे हैं।

पुलिस का आधिकारिक पक्ष सामने आया

सोशल मीडिया पर फैल रही चर्चाओं और आरोपों के बीच उत्तराखंड पुलिस की ओर से भी आधिकारिक बयान जारी किया गया है।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने स्पष्ट किया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और विधिसम्मत तरीके से की गई थी।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद राज्य सरकार ने वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।

सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और प्रभावी पैरवी के चलते उन्हें किसी भी स्तर पर जमानत नहीं मिली। मामले में सीबीआई जांच की मांग को पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज किया था।

ऑडियो क्लिप पर एफआईआर दर्ज

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ऑडियो क्लिप के मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और उनकी जांच जारी है। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की अपील

पुलिस ने दोहराया कि यदि किसी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से जुड़ा कोई ठोस तथ्य, साक्ष्य या जानकारी है, तो वह जांच एजेंसियों के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। सरकार और पुलिस प्रशासन की मंशा स्पष्ट है कि मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल के डोभ श्रीकोट निवासी 22 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में तीनों दोषियों को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और मामला वर्तमान में हाईकोर्ट में विचाराधीन है।