पार्षद–नगर आयुक्त विवाद के बाद नगर निगम में कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, तालाबंदी से कामकाज ठप
देहरादून। देहरादून नगर निगम में मंगलवार को कांग्रेसी पार्षद और नगर आयुक्त के बीच हुए विवाद के बाद बुधवार को हालात और बिगड़ गए।
नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया और निगम के सभी अनुभागों में तालाबंदी कर दी। इसके चलते नगर निगम का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
कर्मचारी संघ का साफ कहना है कि जब तक संबंधित कांग्रेसी पार्षद नगर आयुक्त से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक आंदोलन और कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
अभद्र व्यवहार का आरोप, कर्मचारियों में आक्रोश
कर्मचारियों का आरोप है कि मंगलवार को वार्ड नंबर 47 के कांग्रेस पार्षद रॉबिन नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने नगर आयुक्त के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना के बाद निगम कर्मियों में भारी आक्रोश है।
कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी भी पार्षद द्वारा दबाव बनाकर या मनमानी तरीके से काम करवाने की कोशिश की गई, तो इसका विरोध किया जाएगा।
कर्मचारियों की चेतावनी
नगर निगम कर्मचारी संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि,
“जब तक संबंधित पार्षद अपनी गलती स्वीकार कर माफी नहीं मांगते, तब तक निगम के सभी अधिकारी और कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटेंगे।”
क्या है पूरा विवाद
मंगलवार को कांग्रेस के कुछ पार्षद नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे। इसी दौरान वार्ड नंबर 47 के पार्षद रॉबिन की नगर आयुक्त से तीखी बहस हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पार्षद का आरोप है कि नगर आयुक्त ने उन्हें इंतजार करवाया और फोन कॉल रिसीव नहीं किया। इसी बात को लेकर पार्षद ने कार्यालय में घेराव किया।
वहीं पार्षदों का यह भी कहना है कि जब उन्होंने ऊंची आवाज में बात की तो नगर आयुक्त ने आपत्ति जताते हुए उन्हें अपने कक्ष से बाहर जाने को कहा।
विकास कार्यों को लेकर नाराजगी
पार्षदों का आरोप है कि उनके कुछ वार्डों में 70 लाख रुपये से अधिक के विकास कार्य प्रस्तावित हैं, लेकिन अब तक उन वार्डों को बजट जारी नहीं किया गया है, जिससे पार्षदों में असंतोष है।


