बिग ब्रेकिंग: टोंस नदी में खनन से छेड़छाड़, त्रिलोकपुरम पर मंडराया बाढ़ का खतरा। सड़कों पर उतरे कॉलोनीवासी

टोंस नदी में खनन से छेड़छाड़, त्रिलोकपुरम पर मंडराया बाढ़ का खतरा। सड़कों पर उतरे कॉलोनीवासी

रिपोर्ट- राजकुमार धीमान
देहरादून। सुद्धोवाला क्षेत्र में टोंस नदी पर हो रहा खनन एक बार फिर विवादों में घिर गया है। वर्षाकाल के बाद खनन सामग्री के चुगान की अनुमति मिलने के बावजूद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अनुमति की आड़ में अनियंत्रित और मानकों से अधिक खुदान किया जा रहा है।

इससे नदी के प्राकृतिक प्रवाह से छेड़छाड़ कर उसका रुख आबादी की ओर मोड़ा जा रहा है, जिससे त्रिलोकपुरम सहित आसपास की कॉलोनियों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

मानसून की तबाही की यादें अब भी ताजा

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इसी वर्ष मानसून के दौरान टोंस नदी में आई भीषण बाढ़ ने नंदा की चौकी स्थित पुल को ध्वस्त कर दिया था। उस समय खनन कार्य में लगी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के बहने और जनहानि की घटनाएं भी सामने आई थीं।

तब भी अवैध और मानकों से अधिक खनन को बाढ़ की तबाही का बड़ा कारण बताया गया था। अब मानसून के बाद जैसे ही खनन की अनुमति मिली, बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली, डंपर और जेसीबी नदी में उतार दिए गए, जिससे एक बार फिर नियमों के उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं।

खनन रुकवाने पहुंचे कॉलोनीवासी, मचा हंगामा

बुधवार को हालात उस समय और बिगड़ गए, जब त्रिलोकपुरम कॉलोनी के बड़ी संख्या में लोग नदी के बीच चल रहे खनन कार्य को रुकवाने मौके पर पहुंच गए।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सिंचाई विभाग की स्वीकृति के अनुसार नदी के मध्य भाग में चैनलाइजेशन किया जाना था, लेकिन हकीकत में नदी का प्रवाह एक किनारे की ओर मोड़ दिया गया है। इससे पूरी कॉलोनी सीधे बाढ़ के खतरे की जद में आ गई है।

हंगामे की सूचना पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शिकायत की जांच का आश्वासन दिया।

मौके पर भी उजागर हुई अनियमितता

बताया जा रहा है कि उपजिलाधिकारी विकासनगर, सिंचाई विभाग के अधिकारी, पुलिस चौकी झाझरा, ग्राम प्रधान और राजस्व उपनिरीक्षक की मौजूदगी में भी यह बात सामने आई कि खनन और चैनलाइजेशन कार्य स्वीकृति के अनुरूप नहीं किया जा रहा है।

जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

त्रिलोकपुरम विकास समिति ने जिलाधिकारी देहरादून को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

समिति के सचिव मुकेश ध्यानी ने बताया कि इस वर्ष टोंस नदी का पानी तटबंध से ऊपर होकर कॉलोनी के कई मकानों तक पहुंच गया था। ऐसे में यदि नदी का रुख इसी तरह बदला गया, तो भविष्य में भीषण आपदा से इनकार नहीं किया जा सकता।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि समिति के पदाधिकारियों ने मौके पर जाकर जेसीबी संचालकों और प्रतिनिधियों को नियमों के अनुसार कार्य करने की चेतावनी दी, इसके बावजूद नियमविरुद्ध खनन जारी रहा।

आंदोलन की चेतावनी

कॉलोनीवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए खनन और चैनलाइजेशन कार्य को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।

चेतावनी दी गई है कि यदि जनहित में सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो त्रिलोकपुरम विकास समिति को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो टोंस नदी एक बार फिर भारी तबाही का कारण बन सकती है।