UCOST का बड़ा आयोजन। आपदा प्रबंधन और विज्ञान नवाचार पर देहरादून में होगा ऐतिहासिक सम्मेलन
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) ने आज देहरादून में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM 2025) और 20वां उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन (USSTC 2025) का भव्य आयोजन 28 से 30 नवंबर 2025 तक ग्राफिक एरा (डीम्ड-टू-बी) विश्वविद्यालय में किया जाएगा।
हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशील पारिस्थितिकी और बढ़ती आपदा चुनौतियों को केंद्र में रखते हुए यह आयोजन वैश्विक विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, नवोन्मेषकों, आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों और युवा नेतृत्व को एक साझा मंच प्रदान करेगा।
सीएम धामी करेंगे उद्घाटन, डॉ. जितेंद्र सिंह होंगे मुख्य अतिथि
यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि WSDM 2025 के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)।
30 नवंबर के समापन सत्र में उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले. ज. (से. नि.) गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि होंगे, जो सम्मेलन को गरिमामयी दिशा देंगे।
सम्मेलन में नई पहलें- पुरस्कार, प्रीमियर लीग और तकनीकी प्रदर्शनी
प्रो. पंत ने बताया कि इस वर्ष पहली बार कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों की शुरुआत की जा रही है।
- उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान
- भागीरथ पुरस्कार
- उत्तराखण्ड युवा महिला वैज्ञानिक पुरस्कार
साथ ही राज्य का पहला साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रीमियर लीग 2025 भी आयोजित होगा, जिसमें 13 जिलों की टीमें वैज्ञानिक क्विज़, नवाचार प्रदर्शनी, आपदा प्रतिक्रिया चुनौतियों और जलवायु समाधान प्रतियोगिताओं में प्रतिभा दिखाएंगी। इस पहल का उद्देश्य गाँव-गाँव तक वैज्ञानिक चेतना और जलवायु साक्षरता पहुंचाना है।
समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन पर वैश्विक विमर्श
WSDM 2025 का मुख्य विषय है-
“समुदायों के निर्माण हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करना” जो प्रसिद्ध 5E Framework – Engage, Educate, Enable, Empower, Excel पर आधारित है।
सम्मेलन में छह प्रमुख प्लेनरी सत्र आयोजित होंगे, जिनमें मुख्य विषय होंगे-
- आपदा प्रबंधन
- जल संसाधन और ग्लेशियर जोखिम
- मानव सुरक्षा
- हिमालय संरक्षण
- बहु-आपदा जोखिम
- पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
इसके अतिरिक्त 12 विशेष प्रौद्योगिकी सत्र और 20 से अधिक कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
SHE for STEM से लेकर AI आधारित चेतावनी प्रणाली तक
कार्यक्रम में SHE for STEM, जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, जल गुणवत्ता निगरानी, वरिष्ठ नागरिक नवाचार, भीड़ प्रबंधन, यूथ लीडरशिप और सामुदायिक क्षमता निर्माण जैसे विषय शामिल होंगे।
एक बड़ी प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी लगेगी, जिसमें स्टार्टअप, केंद्रीय वैज्ञानिक संस्थान और सरकारी एजेंसियां-
- स्पेस-बेस्ड मॉनिटरिंग
- एआई आधारित जलवायु विश्लेषण
- पूर्व चेतावनी प्रणाली
- सामुदायिक स्तर की आपदा तकनीकें
प्रदर्शित करेंगी।
NDRF, SDRF, ITBP, BRO, NIM, NCC, NSS और SSB की टीमें बचाव एवं आपदा प्रबंधन के लाइव डेमो भी प्रस्तुत करेंगी।
वैज्ञानिक नवाचार और आपदा लचीलापन की ओर बड़ा कदम
यूकाॅस्ट ने दावा किया कि यह दोहरा आयोजन उत्तराखण्ड को एक वैज्ञानिक रूप से सक्षम, आपदा-लचीला, नवाचार आधारित और वैश्विक सहयोग वाला राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
USSTC 2025 के उद्घाटन सत्र में होंगे डॉ. निशंक
28 नवंबर को सुबह 10 बजे प्रारंभ होने वाले 20वें उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे-
- डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री
- मुख्य वक्ता: डॉ. डी.के. असवाल, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूकॉस्ट के प्रबंधक जनसंपर्क अमित पोखरियाल, संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल, आयोजन सचिव प्रहलाद अधिकारी और पुनीत सिंह उपस्थित रहे।


