14 दिन की हड़ताल के बाद उग्र मोड में उपनल कर्मचारी। अन–जल छोड़ अनशन पर बैठे बडोनी
देहरादून। उपनल कर्मियों का विरोध प्रदर्शन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। विगत 14 दिनों से हड़ताल पर बैठे उपनल कर्मचारी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सोमवार से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने पूर्व में जिन मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, उन्हें पूरा नहीं किया गया।
हरिद्वार जिले के उपनल कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र बडोनी ने सरकार की अनदेखी से क्षुब्ध होकर अन जल त्यागकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
उनका कहना है कि कर्मचारियों की पीड़ा और संघर्ष को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि सरकार के पास उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का अवसर था।
उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश संयोजक विनोद गोदयाल ने कहा कि कर्मचारियों को सोमवार को सरकार से बड़ी उम्मीद थी, मगर न तो कोई मंत्री और न ही कोई वरिष्ठ अधिकारी बातचीत के लिए आंदोलन स्थल पर पहुँचा। इससे कर्मचारियों में गहरा रोष है।
गोदयाल ने यह भी कहा कि सरकार ने कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया, जिसके चलते उपनल कर्मियों को मजबूरन आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है।
जिलाध्यक्ष योगेंद्र बडोनी ने सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इसी तरह अनदेखी जारी रखी, तो संगठन जल्द ही उग्र आंदोलन की रणनीति तय करेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और उनके समाधान तक संघर्ष जारी रहेगा।
उपनल कर्मियों का कहना है कि आंदोलन अब निर्णायक चरण में है और जब तक सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती, तब तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।


