बड़ी खबर: पहाड़ में वन्यजीवों का आतंक। लगातार हमलों से दहशत, उपचार का पूरा खर्च उठाएगी सरकार

पहाड़ में वन्यजीवों का आतंक। लगातार हमलों से दहशत, उपचार का पूरा खर्च उठाएगी सरकार

देहरादून। उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों में इन दिनों वन्यजीवों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भालू और गुलदार के हमलों ने स्थानीय ग्रामीणों, प्रशासन और सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

राज्यभर में बढ़ते वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव वन के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।

बैठक में सीएम ने निर्देश दिया कि भालू या अन्य वन्यजीवों के हमलों में घायल हर व्यक्ति का पूरा इलाज राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि समय पर उपचार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस संबंध में किसी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सरकार पहले ही वन्यजीव हमले में मृतकों के परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर चुकी है। पिछले पांच सालों में भालू के हमलों में 14 लोगों की मौत व 438 लोग घायल हुए हैं।

वन विभाग के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में भोजन की कमी और फसलों की अनुपलब्धता के कारण भालू अब आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है।

उत्तरकाशी: सेब के बगीचे में भालू का हमला, मजदूर गंभीर रूप से घायल

उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में सेब के बगीचे में काम कर रहे नेपाली मूल के हरि बहादुर पर भालू ने घात लगाकर हमला कर दिया। उसके चेहरे और शरीर पर गहरे घाव आए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल उत्तरकाशी रेफर किया गया।

भटवाड़ी, मोरी और आसपास के क्षेत्रों में भालू की दहशत जारी है। 26 अक्टूबर से अब तक 9 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें दो महिलाओं की मौत और सात लोग घायल हुए हैं।

पौड़ी: महिला की मौत के बाद गुलदार आदमखोर घोषित, दो शूटर तैनात

पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक के कोटी गांव में गुलदार द्वारा 62 वर्षीय गिन्नी देवी की हत्या के बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया है। विभाग ने उसे मारने के आदेश जारी किए हैं और दो विशेषज्ञ शूटरों को बुलाया है। एक शूटर मौके पर पहुंचकर रणनीति बना चुका है, जबकि दूसरा रविवार को पहुंचेगा।

कोटी गांव और आसपास के क्षेत्रों में 8-8 कर्मचारियों की दो टीमें तैनात की गई हैं। ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और जंगल में मचान तैयार किए जा रहे हैं। वन विभाग ग्रामीणों से सावधानी बरतने, समूह में बाहर निकलने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील कर रहा है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गांव पहुंचकर मृतका के परिजनों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि गुलदार की दहशत जल्द समाप्त की जाएगी।