बड़ी खबर: उत्तराखंड में जल्द शुरू होगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, 2003–2025 की लिस्ट का मिलान जारी

उत्तराखंड में जल्द शुरू होगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, 2003–2025 की लिस्ट का मिलान जारी

देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड में भी जल्द SIR प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

SIR से पहले ही उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं और वर्ष 2003 एवं 2025 की मतदाता सूचियों का मिलान शुरू कर दिया है। इस मिलान के जरिए दोहराव, गलत प्रविष्टियों और पते में बदलाव जैसे अहम पहलुओं की पहचान की जा रही है।

हर साल जारी होती है मतदाता सूची की अनंतिम और अंतिम सूची

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय हर वर्ष नई मतदाता सूची की अनंतिम और अंतिम लिस्ट जारी करता है। इसमें मृत मतदाताओं को हटाना, नए नाम जोड़ना, गलतियों को सुधारना और 18 वर्ष पूरे कर चुके युवाओं को मताधिकार दिलाना शामिल रहता है। समय-समय पर नाम जुड़ने और हटने का अभियान भी चलाया जाता है, ताकि चुनाव के समय अधिकतम वैध मतदाता मतदान कर सकें।

किसकी होगी जांच?

हालांकि उत्तराखंड में SIR की तिथियां अभी तय नहीं हुई हैं, लेकिन तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। साल 2003 और 2025 की मतदाता सूचियों के मिलान में जिन मतदाताओं के नाम और पता समान हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि—

  • कितने लोग जिले बदल चुके हैं?
  • कितने नए मतदाता जुड़े हैं?
  • किन प्रविष्टियों में संशोधन की जरूरत है?

इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची में दोहराव खत्म करना और त्रुटि रहित सूची तैयार करना है।

किन मतदाताओं को देने होंगे दस्तावेज?

  • SIR के दौरान सभी मतदाताओं से दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।

जिन्हें दस्तावेज नहीं देने होंगे:

  • जिनका नाम 2003 और 2025 दोनों मतदाता सूचियों में है।
  • जिनके माता-पिता के नाम 2003 की मतदाता सूची में मौजूद हैं।

जिन्हें दस्तावेज देने होंगे

  • 2003 के बाद मतदाता बने युवा
  • जिन लोगों ने जिला या पता बदला है।

दूसरे राज्यों से शादी होकर उत्तराखंड आई महिलाएं

  • जिन्हें अपने मायके की 2003 की मतदाता सूची में दर्ज नाम का प्रमाण देना होगा।
  • अगर उनका नाम 2003 की सूची में नहीं है, तो माता-पिता की सूची अनिवार्य रूप से देनी होगी।

इन 12 राज्यों में चल रही है SIR प्रक्रिया

बिहार में मतदाता संख्या को लेकर विवाद के बाद SIR शुरू हुआ था। दूसरे चरण में SIR इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जारी है।

  • छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी
  • यह प्रक्रिया जनवरी 2026 के अंत तक चलेगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम सूची प्रकाशित होगी।

तीसरे चरण में उत्तराखंड में होगी SIR

दूसरे चरण के बाद तीसरे चरण में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों में SIR शुरू होने की संभावना है।
SIR के दौरान—

  • सभी मतदाताओं को फॉर्म भरना होगा।
  • दस्तावेज केवल उन्हीं से लिए जाएंगे जिनका नाम 2003 की सूची में नहीं है या जिन्होंने स्थान बदला है।

मतदाताओं की बढ़ सकती है परेशानी

SIR शुरू होते ही मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी।
यानि—

  • नाम जोड़ना, हटाना या पता बदलना संभव नहीं होगा
  • इसलिए मतदाता SIR शुरू होने से पहले अपने वोटर कार्ड में सुधार वेबसाइट voters.eci.gov.in पर कर लें
  • जिन व्यक्तियों के वोट दो जगह दर्ज हैं, वे BLO से संपर्क कर एक प्रविष्टि हटवा लें
  • SIR के दौरान दोहरी प्रविष्टि पर नोटिस जारी होगा और SDM के सामने जवाब देना होगा

मुख्य निर्वाचन अधिकारी का बयान

उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि, “2003 और 2025 की मतदाता सूचियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा रहा है। SIR शुरू होने पर यह तैयारी बहुत काम आएगी। जिन लोगों के नाम दोनों सूचियों में हैं, उनसे दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। इससे समय बचेगा और मतदाता सूची को सटीक बनाने में मदद मिलेगी।”