रेड क्रॉस परिसर में मिली फर्जी ‘मजिस्ट्रेट’ बोलेरो, पूर्व चेयरमैन पर गंभीर आरोप
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के उत्तराखंड कार्यालय परिसर में खड़ी एक संदिग्ध बोलेरो वाहन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। UK07PA0023 नंबर की इस बोलेरो पर उत्तराखंड सरकार और मजिस्ट्रेट लिखा हुआ है, साथ ही हूटर भी लगा है।
जांच में पता चला कि वाहन पर लिखी जानकारी पूरी तरह फर्जी है और इसका वास्तविक रजिस्ट्रेशन किसी और वाहन से संबंधित है।
फर्जी नंबर, फर्जी पहचान—क्या है पूरा मामला?
चेयरमैन ओंकार बहुगुणा के अनुसार, यह कार पूर्व चेयरमैन नरेश चौधरी के माध्यम से कार्यालय परिसर में लाई गई थी। ऑनलाइन वेरिफिकेशन में सामने आया कि यह रजिस्ट्रेशन नंबर ITC लिमिटेड के नाम दर्ज एक एंबुलेंस/बस का है।
यही नहीं, बोलेरो का रजिस्ट्रेशन 27 दिसंबर 2009 को समाप्त हो चुका है और बीमा भी वर्ष 2008 में ही एक्सपायर हो गया था।
पूर्व चेयरमैन पर तहरीर—ताले तोड़ने और अवैध कब्जे का भी आरोप
फर्जी वाहन उपयोग के साथ–साथ पूर्व चेयरमैन पर कार्यालय पर अवैध कब्जा जमाए रखने और ताले लगाने का आरोप भी है। मंगलवार को नवनिर्वाचित कार्यकारिणी द्वारा महत्वपूर्ण अभिलेखों की सुरक्षा के लिए लगाए गए अतिरिक्त तालों को बाद में तोड़ दिया गया।
प्रकरण गंभीर होने पर चेयरमैन ओंकार बहुगुणा और उप सचिव/प्रभारी महासचिव डॉ. हरीश चंद्र शर्मा ने रायपुर थाने में लिखित तहरीर दी है। शिकायत में फर्जी सरकारी पहचान वाले वाहन के उपयोग सहित कई अनैतिक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।
बैठक में उठी अभिलेखों से छेड़छाड़ की आशंका
मंगलवार को आयोजित बैठक में चमोली, टिहरी, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा और पौड़ी जिलों के प्रतिनिधियों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। बैठक को GPS कैमरों की निगरानी में रिकॉर्ड किया गया।
बैठक में पूर्व पदाधिकारी नरेश चौधरी और बाल मयंक मिश्रा द्वारा अभिलेखों से संभावित छेड़छाड़ और अवैध कब्जे की आशंका भी व्यक्त की गई।
कार्यालय पर लगाए गए अतिरिक्त ताले कुछ ही समय बाद टूटे पाए गए, जिसे लेकर आरोप है कि यह कार्रवाई पूर्व पदाधिकारियों द्वारा की गई। मामले की शिकायत मुख्य सचिव को भी भेजी गई है।


