काशीपुर अनाज मंडी में हंगामा। धान तौल में धांधली का आरोप, किसानों ने किया धरना
काशीपुर। काशीपुर अनाज मंडी में मंगलवार को धान की तौल को लेकर बड़ा हंगामा हो गया। सुबह से ही सैकड़ों किसान और किसान नेता मंडी परिसर में धरने पर बैठ गए, जिससे मंडी की गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गईं। किसानों ने धान तौल में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मंडी हंजम की तालाबंदी भी कर दी।
धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि कई बार शिकायत के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही। किसानों का आरोप है कि मंडी में धान तौल कम की जा रही है, जबकि कागज़ों में फर्जी तरीके से लक्ष्य पूरा दिखाया जा रहा है।
किसान नेता हिमांशु ने बताया कि मंडी में कुल 74 उपसमितियां हैं, जिन्हें 8–10 हजार कुन्तल धान तौलने का लक्ष्य दिया गया था।
लेकिन जांच की मांग के बाद पता चला कि कागज़ों में कई समितियों ने लाखों कुन्तल धान तौलने का फर्जी रिकॉर्ड दिखा दिया है, जबकि किसान असली अनाज मंडी के बाहर ट्रॉलियों में लिए बैठे हैं और फसल खराब हो रही है।
किसानों का आरोप है कि मंडी में धान तौल के समय लगातार नई-नई बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। कभी पोर्टल बंद बता दिया जाता है, कभी सीमा पूरी, तो कभी भुगतान रुका होने का बहाना।
किसानों ने कहा कि वे महीनों से केवल एक ही बात कह रहे हैं कि, “धान तोलो, हमारा धान तोलो।” लेकिन कागज़ी कार्रवाई के नाम पर उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।
कई किसानों ने बताया कि वे 15 दिनों से मंडी के चक्कर लगा रहे हैं। धान खराब होने लगा है, जिसके चलते मजबूरन 1800 रुपये के सरकारी दर की जगह 1200–1300 रुपये में निजी खरीदारों को धान बेचना पड़ रहा है।
मंडी प्रशासन का पक्ष
मंडी सचिव योगेश तिवारी ने कहा कि समस्या कच्चे आढ़तियों की सीमा पूरी होने के कारण उत्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि मंडी ने गेट बंद नहीं किया बल्कि स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। पोर्टल से जुड़ी समस्या के कारण खरीदी अस्थायी रूप से रुकी थी, जिसे जल्द सामान्य करने का भरोसा दिया गया है।
वहीं, एसएमआई अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि मंडी में लगभग 9000 कुन्तल धान की सीमा पूरी हो चुकी है। सीमा बढ़ाकर 10,000 कुन्तल किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लेकिन सरकार ने शर्त रखी है कि 100% भुगतान होने पर ही नई सीमा लागू होगी।
कुछ मिलर्स के भुगतान रुके होने से देरी हो रही है।
किसान नेता सरबजीत सिंह ने बताया कि किसानों और मिलर्स के बीच वार्ता जारी है। उम्मीद है कि पोर्टल की सीमा जल्द बढ़ाई जाएगी और धान तौल का काम बाधारहित शुरू हो सकेगा।
फिलहाल किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और धरना जारी है। प्रशासन ने समस्या के शीघ्र समाधान का भरोसा दिया है।
