बिग ब्रेकिंग: धर्मांतरण केस में यूपी पुलिस की किरकिरी, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की 

धर्मांतरण केस में यूपी पुलिस की किरकिरी, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दर्ज एक कथित धर्मांतरण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए एफआईआर को फर्जी करार दिया और उसे संविधान की धारा 226 के तहत रद्द कर दिया।

अदालत ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगाए और कानून का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही सरकार को पीड़ित को ₹75,000 मुआवजा देने का आदेश दिया।

क्या था मामला?

बहराइच के एक व्यक्ति को Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion Act और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस का दावा था कि वह जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले एक गैंग का सदस्य है और उसकी पत्नी उसकी कथित गतिविधियों से परेशान होकर घर छोड़ गई थी।

पत्नी के बयान ने पलट दिया पूरा केस

जांच के दौरान आरोपी की पत्नी ने स्पष्ट कर दिया कि

  • उसका अपने पति की धर्मांतरण गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं था
  • वह उसकी हिंसक प्रवृत्ति से परेशान होकर घर छोड़ी थी
  • इसके बावजूद पुलिस ने एफआईआर में जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप जोड़ दिए।

अदालत ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने केस रिकॉर्ड की समीक्षा के दौरान पाया कि,

  • पुलिस के पास आरोप साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था
  • एफआईआर दर्ज करना कानून के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला है

अदालत ने FIR रद्द करते हुए कहा कि “यह साफ उदाहरण है कि किस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस झूठे मामलों का इस्तेमाल कर अपनी छवि चमकाने और तथाकथित ‘ब्राउनी पॉइंट्स’ हासिल करने की कोशिश करती है।”

कानून जनता की सुरक्षा के लिए — दुरुपयोग के लिए नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि धर्मांतरण-विरोधी कानून का इस्तेमाल

  • व्यक्तिगत बदला लेने के लिए
  • या निर्दोष व्यक्ति को फँसाने के लिए
  • नहीं किया जा सकता।
  • ऐसा करना संविधान और कानून की मूल भावना के खिलाफ है।

कोर्ट का आदेश

  • एफआईआर रद्द
  • आरोपी को राहत
  • राज्य सरकार को ₹75,000 हर्जाना देना होगा
  • पुलिस को संयम व निष्पक्षता बरतने की सलाह

इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि
कानून जनता की सुरक्षा के लिए बनाया गया है,
उसका इस्तेमाल किसी के उत्पीड़न या राजनीतिक-व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं किया जा सकता।