पतंजलि और अमूल के दावे बेनकाब। FDA ने खोली शुद्धता की पोल
रिपोर्ट- राजकुमार धीमान
देहरादून। योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि और देश के प्रसिद्ध डेयरी ब्रांड अमूल की शुद्धता के दावों की पोल खुल गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में दोनों कंपनियों के उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे।
FDA की प्रयोगशाला रिपोर्ट में पतंजलि का रिफाइंड तेल और अमूल का दही अधोमानक (Substandard) पाया गया है। इससे उपभोक्ताओं की थाली में परोसे जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
1260 लीटर तेल जब्त, फेल हुई रिपोर्ट
FDA की टीम ने 29 अप्रैल को बेलीपार क्षेत्र के चनऊ उर्फ बेतऊवा में स्थित पतंजलि के सुपर डीलर तेजस्वी ट्रेडर्स के गोदाम पर छापा मारा था। छापेमारी में 1260 लीटर रिफाइंड, सोयाबीन और पाम तेल जब्त किया गया।
सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि यह तेल टूटे और दबे हुए टिन से निकालकर प्लास्टिक ड्रमों में भरकर रखा गया था, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का स्पष्ट उल्लंघन है। गोदाम से मधु, हल्दी, धनिया और मसालों के नमूने भी लिए गए थे।
हाल ही में आई रिपोर्ट में तेल के नमूने को फेल घोषित कर दिया गया। यानी उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही यह उत्पाद गुणवत्ता जांच में असफल साबित हुआ।
अमूल का दही भी अधोमानक
इसी बीच, एफएसडीए टीम ने सितंबर में गोलघर क्षेत्र में एक वाहन को रोककर अमूल ब्रांड के दही के नमूने लिए थे। अब आई प्रयोगशाला रिपोर्ट में यह दही भी मानकों से नीचे पाया गया है। प्रशासन ने बताया कि इस मामले में अगली कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
उपभोक्ताओं में आक्रोश, भरोसे पर सवाल
पतंजलि और अमूल दोनों देश के सबसे विश्वसनीय ब्रांड्स में गिने जाते हैं। लेकिन अब इनकी गुणवत्ता पर उठे सवालों ने उपभोक्ताओं में आक्रोश और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि जब बड़े ब्रांड्स ही मानकों पर फेल हो रहे हैं, तो आम उपभोक्ता की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?
FDA सख्त, अन्य ब्रांड्स पर भी निगरानी
FDA ने कहा है कि किसी भी ब्रांड को गुणवत्ता से समझौता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डॉ. सिंह ने बताया कि अब जिले में अन्य वितरकों और सुपर डीलरों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि जनता के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ न हो। वहीं, उत्तराखंड में भी एफडीए ने निगरानी बढ़ा दी है।
1.3 लाख करोड़ का कारोबार, फिर भी मानकों में चूक
अमूल का कारोबार करीब 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है, जबकि पतंजलि का टर्नओवर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के करीब है। इतने बड़े कारोबार वाले इन ब्रांड्स के उत्पादों का अधोमानक पाया जाना गंभीर चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि “लाभ कमाना अलग बात है, लेकिन उसके नाम पर उपभोक्ता की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

