जनहित के नाम पर नुकसान नहीं बर्दाश्त। आबकारी विभाग ने विरोध की राजनीति पर कसा शिकंजा
रिपोर्ट- राजकुमार धीमान
देहरादून। उत्तराखंड में वैध शराब कारोबार के विरोध के नाम पर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने वालों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी है।
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने साफ चेतावनी दी है कि “जनभावनाओं की आड़ लेकर असामाजिक तत्व और शराब तस्कर अपने निजी हित साध रहे हैं, जिन्हें अब बख्शा नहीं जाएगा।”
ढालवाला विवाद को बताया ‘प्रायोजित विरोध’
ऋषिकेश क्षेत्र के ढालवाला में हाल ही में हुई हत्या की आड़ में शराब की दुकान के खिलाफ चल रहे विरोध को आयुक्त ने “प्रायोजित आंदोलन” करार दिया।
उन्होंने कहा कि अपराध की जांच से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर वैध शराब दुकान को निशाना बनाया जा रहा है।
9 जिलों में 41 दुकानें बंद, ₹200 करोड़ का नुकसान
आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया कि इस तरह के संगठित विरोधों के कारण 9 जिलों में 41 दुकानों का संचालन बाधित हुआ। इससे राज्य सरकार को करीब ₹200 करोड़ आबकारी राजस्व और लगभग ₹8 करोड़ वैट का नुकसान हुआ।
जिलावार नुकसान इस प्रकार रहा:-
- बागेश्वर: ₹23 करोड़
- अल्मोड़ा: ₹18 करोड़
- पौड़ी: ₹15 करोड़
- नैनीताल: ₹12.5 करोड़
- अल्मोड़ा (अन्य क्षेत्र): ₹11 करोड़
- उत्तरकाशी: ₹6.4 करोड़
- देहरादून: ₹3.5 करोड़
- हरिद्वार: ₹1.2 करोड़
- ढालवाला विरोध: प्रतिदिन ₹16 लाख का नुकसान
आयुक्त ने कहा कि “राज्य की आर्थिक रीढ़ समझे जाने वाले आबकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
शराब तस्करी पर नकेल, वैध कारोबार को संरक्षण
विभाग ने 2,505 मुकदमे दर्ज कर अब तक 45,685 लीटर अवैध शराब बरामद की है। आयुक्त ने बताया कि प्रवर्तन कार्रवाई के चलते वैध बिक्री में वृद्धि हुई है।
बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.5 लाख पेटी अधिक शराब बेची गई। अगले छह महीनों में 11 लाख पेटी अतिरिक्त बिक्री का लक्ष्य रखा गया है।
95% राजस्व लक्ष्य हासिल, विरोध की राजनीति पर रोक जरूरी
वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए आबकारी विभाग को ₹5,060 करोड़ का लक्ष्य मिला था, जिसमें से अब तक ₹2,409 करोड़ (95.59%) वसूले जा चुके हैं।
आयुक्त अनुराधा पाल ने दो टूक कहा, “वैध कारोबार में बाधा डालने वाली किसी भी प्रवृत्ति को सख्ती से कुचला जाएगा। जनहित के नाम पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।”

