बिग ब्रेकिंग: बनभूलपुरा हिंसा मामले में साजिशकर्ता वसीम को हाईकोर्ट से राहत, मुख्य आरोपी मलिक की जमानत अटकी

बनभूलपुरा हिंसा मामले में साजिशकर्ता वसीम को हाईकोर्ट से राहत, मुख्य आरोपी मलिक की जमानत अटकी

हल्द्वानी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी के चर्चित बनभूलपुरा हिंसा प्रकरण में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद समेत 19 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद साजिशकर्ता आरोपी वसीम को राहत देते हुए जमानत मंजूर कर दी, जबकि मुख्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

अदालत में क्या कहा?…

29 अक्टूबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट को बताया गया कि वसीम पर भीड़ को उकसाने और आगजनी कराने का आरोप है, लेकिन उसका नाम न तो प्राथमिकी (FIR) में था और न ही घटना में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के प्रमाण मिले।

बचाव पक्ष ने दलील दी कि वसीम को केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया, इसलिए उसे रिहा किया जाए। कोर्ट ने तर्क स्वीकार करते हुए उसकी जमानत मंजूर कर दी।

मुख्य आरोपियों को राहत नहीं

हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद सहित अन्य 19 लोगों को राहत नहीं दी। इनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 5 मई 2026 को होगी।

आरोप और पृष्ठभूमि

  • अब्दुल मलिक पर राजकीय (नजूल) भूमि पर कब्जा, अवैध प्लॉटिंग और बिक्री के गंभीर आरोप हैं।
  • प्रशासन जब अवैध निर्माण हटाने पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने पथराव किया, जिससे स्थिति ने हिंसक रूप ले लिया।
  • इस हिंसा में पुलिस और सरकारी कर्मचारी घायल हुए, जबकि कुछ लोगों की मौत तक हुई।
  • हिंसा से जुड़े मामलों में चार अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे।

राज्य सरकार की दलील

राज्य सरकार ने कहा कि बनभूलपुरा हिंसा की शुरुआत अब्दुल मलिक की अवैध गतिविधियों से हुई, इसलिए उन्हें और उनके सहयोगियों को जमानत न दी जाए।

बचाव पक्ष का तर्क

आरोपियों का कहना है कि उन्हें राजनीतिक दबाव में झूठा फंसाया गया है और कई अन्य अभियुक्तों को इस मामले में पहले ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

संक्षेप में: कोर्ट ने वसीम को जमानत देकर सीमित राहत दी है, लेकिन मुख्य साजिशकर्ताओं के लिए न्यायिक जांच और सख्त बनी हुई है।