कुंभ 2027 की तैयारियों में भ्रष्टाचार की बुनियाद? गंगनहर में जलस्तर घटते ही उजागर हुई लापरवाही
- ऋषिकुल से अमरापुर तक नए घाटों की नींव में दरारें, RCC फाउंडेशन बहा – विपक्ष ने उठाए सवाल
हरिद्वार। कुंभ मेला 2027 को भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी में जुटा प्रशासन फिलहाल सवालों के घेरे में है। गंगनहर में जलस्तर कम होते ही नवनिर्मित घाटों की पोल खुलने लगी है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए इन घाटों के सीसी (कंक्रीट) फाउंडेशन कई जगहों पर बह गए, जबकि कुछ स्थानों पर दरारें और सरिये तक साफ नजर आने लगे।
सूत्रों के अनुसार, वार्षिक बंदी के दौरान उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने 11 में से 9 घाटों पर तेजी से निर्माण कार्य शुरू किया, जबकि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने इन पर आधिकारिक आपत्ति जताई थी। आनन-फानन में पूरा किया गया निर्माण अब बहाव की मार नहीं झेल पाया।
शनिवार को जब जलधारा दोबारा छोड़ी गई और स्तर घटा, तो घाटों की हालत देखकर शहर में भ्रष्टाचार की चर्चाएँ तेज हो गईं। स्थानीय लोगों ने इसे “भ्रष्टाचार का पहला चरण” बताया।
विपक्ष ने मांगी कार्रवाई, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
घाटों के क्षतिग्रस्त होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पूर्व मेयर अनीता शर्मा, कांग्रेस नेता अमन गर्ग और कैश खुराना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि “लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा से खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार की नींव डाली जा रही है।”
अधिकारियों के दावे पर उठे सवाल
निर्माण कार्य शुरू होते समय सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ‘एडवांस टेक्नोलॉजी’ के इस्तेमाल का दावा किया था। विभागीय अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता ने कहा कि “फाउंडेशन उसी दिन पूरा किया गया था जिस रात गंगनहर चालू की गई। जहां समस्या आई है, वहां जल्द सुधार कराया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि फर्म को अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है, और थर्ड पार्टी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही भुगतान पर विचार किया जाएगा।
मेला प्रशासन की जांच शुरू
घाटों की क्षति की सूचना पर मेला अधिकारी सोनिका और अपर मेला अधिकारी दयानंद सरस्वती ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। फिलहाल, थर्ड पार्टी सैंपलिंग कराई गई है।
अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता ने कहा, “रविवार को अवकाश होने के बावजूद विशेषज्ञ टीम को मौके पर भेजा गया है। मैं स्वयं निरीक्षण करूंगा। जहां भी निर्माण में कमी मिलेगी, संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा।”
पुराने घोटालों की याद ताज़ा
कुंभ मेला 2021 के दो करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच अब तक अधर में है। ऐसे में 2027 के कुंभ से पहले ही निर्माण में लापरवाही और अनियमितता की शुरुआती झलक प्रशासन के दावों पर सवाल खड़े कर रही है।

