हरिद्वार में 4 फर्मों पर छापेमारी। 8 करोड़ की GST चोरी का पर्दाफाश
रिपोर्ट- राजकुमार धीमान
देहरादून। राज्य कर मुख्यालय देहरादून की सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) ने जीएसटी चोरी के बड़े खेल का खुलासा किया है। आयुक्त सोनिका के निर्देश पर विभाग की विशेष टीमों ने हरिद्वार में एक साथ छापेमारी करते हुए चार संदिग्ध फर्मों को जांच के घेरे में लिया।
ये फर्में एलईडी लाइट्स और लिथियम बैटरी के व्यापार के नाम पर करोड़ों रुपये की फर्जी बिलिंग कर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का गलत फायदा उठा रही थीं।
विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि फर्मों ने आपस में फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर करोड़ों की आईटीसी अग्रसारित की, जबकि वास्तविक व्यापार नगण्य था।
हैरानी की बात यह रही कि बिजली विभाग द्वारा बकाया न चुकाने पर जिन फर्मों की बिजली काट दी गई थी, वे फर्में फिर भी ई-वे बिल जारी कर करोड़ों का कारोबार दिखा रही थीं।
छापेमारी में यह भी सामने आया कि फर्मों के गेट रजिस्टर में किसी भी माल की आवाजाही दर्ज नहीं थी, जिससे यह साफ हो गया कि पूरा कारोबार सिर्फ कागजों पर चल रहा था।
इसके अलावा, हरिद्वार की इन फर्मों से जुड़ी सितारगंज की एक फर्म भी जांच के घेरे में आई, जो दो साल से बंद थी, लेकिन उसके नाम पर भी करोड़ों रुपये का लेन-देन दिखाया गया था।
ई-वे बिल डेटा जांच में भी कोई ठोस सबूत नहीं मिले न वाहनों की टोल क्रॉसिंग, न ट्रक मूवमेंट रिकॉर्ड, जिससे साबित हुआ कि पूरा नेटवर्क फर्जी बिलिंग पर आधारित था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब तक 8 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी की पुष्टि हो चुकी है, जो आगे काफी बढ़ सकती है। यह ऑपरेशन शनिवार देर रात तक चला, जिसमें 10 टीमें और 30 अधिकारी शामिल रहे। विभाग ने कंप्यूटर, मोबाइल और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
आयुक्त सोनिका ने कहा कि फर्जी बिलिंग और सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिए कर चोरी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने यह भी बताया कि इन मामलों की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और पुलिस को आगे की जांच के लिए भेजी जा रही है।
राज्य कर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई से प्रदेशभर में फर्जी जीएसटी नेटवर्क चलाने वालों में हड़कंप मच गया है। विभाग का कहना है कि ऐसी संदिग्ध फर्मों पर आगे भी निगरानी और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि सरकारी राजस्व की चोरी करने वाले टैक्स माफिया पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके।

