पछवादून में डेमोग्राफिक बदलाव की जांच के आदेश, सरकार हुई सतर्क
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने देहरादून के पछवादून क्षेत्र सहित कई इलाकों में कथित डेमोग्राफिक (जनसांख्यिकीय) परिवर्तन की जांच के आदेश दिए हैं। हाल के दिनों में आधार कार्ड, परिवार रजिस्टर और मतदाता पहचान पत्रों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आने के बाद सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि, “आधार और परिवार रजिस्टर में विसंगतियों की शिकायतों के बाद शासन ने विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी स्तर पर धोखाधड़ी या गलत दस्तावेज़ न बनाए जाएं।”
उन्होंने बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और प्रमाणपत्र जारी करने वाली अन्य संस्थाओं की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थानीय स्तर पर बढ़ती मुस्लिम आबादी को लेकर चिंता
पछवादून के कई गांवों में स्थानीय निवासियों ने मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि पर चिंता जताई है।
ढकरानी गांव के 83 वर्षीय निवासी श्याम लाल ने कहा कि पहले मुस्लिम परिवार बहुत कम थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
पूर्व ग्राम प्रधान मौसम सिंह ने आरोप लगाया कि “नहर किनारे की कई खाली जमीनों पर अवैध निर्माण हुए, और उस समय कुछ स्थानीय प्रतिनिधियों ने ही इन लोगों को कानूनी दस्तावेज़ हासिल करने में मदद की। इस पर कभी जांच नहीं हुई।”
स्थानीय दुकानदार पंकज ने भी कहा कि पिछले 10–15 वर्षों में क्षेत्र की जनसंख्या का स्वरूप तेजी से बदला है, और कई नए परिवार स्थानीय समुदाय से परिचित नहीं हैं।
मुस्लिम समुदाय का पक्ष
जीवनगढ़ गांव के निवासी जाहिद ने बताया कि उन्होंने और उनके कुछ रिश्तेदारों ने पुराने इलाकों में रहने की कठिनाइयों के चलते पछवादून क्षेत्र में बसने का निर्णय लिया। वहीं, निवासी मोहम्मद इमरान ने कहा कि “मैं यहां बीस साल से रह रहा हूं, यह इलाका हमारा भी उतना ही घर है जितना किसी और का।”
राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल
यह मुद्दा अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है।
भाजपा ने इसे “देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान के लिए खतरा” बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कई इलाकों में बहुसंख्यक आबादी में 40–60 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है, जो चिंता का विषय है।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि यह मुद्दा केवल राजनीतिक लाभ के लिए उछाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि “भारत का हर नागरिक देश में कहीं भी बस सकता है, यही संविधान का अधिकार है। अगर ऐसा नहीं होता, तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे लोग उत्तराखंड से बाहर कैसे होते?”
जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें
सरकार ने संबंधित विभागों को जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, टीम जल्द ही दस्तावेजों की सघन जांच और फील्ड सर्वे शुरू करेगी। पछवादून क्षेत्र में अब आम जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार की यह जांच क्या नया खुलासा करती है।

