रुड़की में औषधि विभाग की बड़ी छापेमारी, सरकारी मुहर लगी दवाएं बरामद
- रुड़की के सलीयर गांव में बिना लाइसेंस चल रहे प्रतिष्ठान पर छापा, सरकारी आपूर्ति की दवाएं निजी हाथों में मिलीं
रुड़की। औषधि विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रुड़की के ग्राम सलीयर में स्थित मैसर्स फलक नाज नामक प्रतिष्ठान पर छापा मारा है। टीम ने यहां से बड़ी मात्रा में अवैध दवाएं बरामद की हैं, जिनमें राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की आपूर्ति के लिए चिह्नित दवाएं भी शामिल हैं। इन दवाओं पर स्पष्ट रूप से सरकारी मुहर लगी हुई थी।
विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि यह प्रतिष्ठान बिना किसी वैध लाइसेंस के न केवल दवाओं की बिक्री कर रहा है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में झोलाछाप चिकित्सकों को भी आपूर्ति कर रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में टीम ने छापा मारा।
सरकारी मुहर लगी दवाओं का अवैध भंडार बरामद
निरीक्षण के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं बरामद कीं। इनमें कई दवाएं ऐसी थीं जो केवल सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को आपूर्ति के लिए निर्धारित थीं। विभाग ने मौके से कुल 12 प्रकार की दवाएं जब्त कीं और गवाहों की उपस्थिति में उन्हें सीलबंद किया गया।
पूछताछ में प्रतिष्ठान संचालक किसी भी प्रकार का वैध लाइसेंस या खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं कर सका।
जांच में सामने आ सकते हैं बड़े नाम
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि यह मामला अत्यंत गंभीर है क्योंकि सरकारी आपूर्ति की दवाएं निशुल्क वितरण के लिए होती हैं। उनका निजी बाजार में पहुंचना किसी बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये दवाएं सरकारी चैनल से बाहर कैसे आईं और इसमें किन लोगों की भूमिका रही।
औषधि निरीक्षक हरीश सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि इन दवाओं की आपूर्ति आसपास के क्षेत्रों में कई झोलाछापों तक की जा रही थी।
टीम को मिली बड़ी सफलता
इस कार्रवाई में औषधि निरीक्षक हरीश सिंह और मेघा भी शामिल रहीं। विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में इस प्रकरण में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
विभाग ने संचालक के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।