उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्थगित किया रजत जयंती समारोह, आपदा राहत कोष में दान की 1.5 करोड़ की राशि
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में पिछले माह आई भीषण आपदाओं को देखते हुए अपना रजत जयंती समारोह (सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन) स्थगित करने का निर्णय लिया है।
न्यायालय ने इस अवसर पर अपनी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता दर्शाते हुए न केवल समारोह को टालने का ऐलान किया, बल्कि इसके लिए स्वीकृत 1.5 करोड़ रुपये की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का अनुरोध भी किया है।
आपदा पीड़ितों के लिए बड़ा कदम
न्यायालय का कहना है कि इस धनराशि का उपयोग आपदा प्रभावित परिवारों की राहत और पुनर्वास कार्यों में किया जाना चाहिए। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने अपने अधिकारियों और न्यायाधीशों से भी स्वेच्छा से योगदान करने की अपील की है।
एक दिन का वेतन भी जाएगा सीएम रिलीफ फंड में
हाईकोर्ट के न्यायाधीश, रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी अपने एक दिन का मूल वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
साथ ही जिला व अन्य न्यायालयों के जज, न्यायिक अधिकारी और कर्मचारियों से भी यही अपेक्षा की गई है कि वे आपदा पीड़ितों की मदद के लिए इस अभियान में सहयोग करें।
संवेदनशीलता का संदेश
हाईकोर्ट रजिस्टार जनरल की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यही है कि न्यायपालिका इस मुश्किल घड़ी में राज्य की जनता के साथ खड़ी है।
न्यायालय ने अपने कदम से आपदा प्रभावितों को यह संदेश दिया है कि न्यायपालिका केवल न्याय ही नहीं देती, बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अपनी जिम्मेदारी निभाती है।
इस फैसले को प्रदेशभर में सराहा जा रहा है और इसे आपदा पीड़ितों के प्रति न्यायपालिका की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रतीक माना जा रहा है।