शिक्षक आंदोलन तेज, शिक्षक रवि बगोटी ने पीएम मोदी को खून से लिखा पत्र
टनकपुर (चंपावत): उत्तराखंड में पदोन्नति, स्थानांतरण और पुरानी पेंशन योजना सहित 34 मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय सदस्य और राज्य आंदोलनकारी शिक्षक रवि बगोटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर भेजा है।
पदोन्नति और रिक्त पदों पर नाराज़गी
रवि बगोटी, जो टनकपुर के राजकीय इंटर कॉलेज गेंडाखाली में सहायक अध्यापक (एलटी) पद पर कार्यरत हैं, का कहना है कि राज्य में वर्षों से प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के पद खाली पड़े हैं।
- 90% हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं।
- 95% इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है।
- चंपावत जिले के किसी भी हाई स्कूल में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने के बजाय इन पदों पर सीधी भर्ती करना चाहता है, जो शिक्षकों के साथ अन्याय है।
500 से ज्यादा शिक्षकों ने भेजे खून से पत्र
रवि बगोटी का कहना है कि प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान के आह्वान पर अब तक लगभग 500 शिक्षक पूरे प्रदेश से अपने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेज चुके हैं।
असहयोग आंदोलन जारी
शिक्षकों ने घोषणा की है कि वे अब स्कूलों में केवल अध्यापन कार्य करेंगे और सभी गैर-शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि पदोन्नति न होने से शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है और प्रभारी व्यवस्था में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षकों की मांग
शिक्षक संगठन ने मांग की है कि प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के पदों पर शत-प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति दी जाए और सरकार उनकी 34 सूत्रीय मांगों को तत्काल पूरा करे।