शिकायत पर रेंजर का तबादला! हाईकोर्ट ने वन सचिव को किया तलब
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नंदप्रयाग के रेंजर हेमंत बिष्ट के मामले में राज्य के वन सचिव रविशंकर को तलब किया। मामला एक पूर्व ग्राम प्रधान की शिकायत पर रेंजर के रुद्रप्रयाग अटैचमेंट से जुड़ा है।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि क्या किसी जनप्रतिनिधि या पूर्व प्रधान की शिकायत मात्र पर किसी अधिकारी का स्थानांतरण या अटैचमेंट उचित है?
इस पर वन सचिव रविशंकर ने कोर्ट को बताया कि वे इस विषय पर प्रमुख वन संरक्षक से चर्चा करेंगे। उनका कहना था कि केवल शिकायत ही आधार नहीं है बल्कि और भी कारण हो सकते हैं।
हाई कोर्ट ने वन सचिव से इस संबंध में शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने अगली सुनवाई की तिथि 7 अक्टूबर तय की है।
इस बीच रेंजर हेमंत बिष्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनके अटैचमेंट आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। हेमंत बिष्ट का कहना है कि नंदा राजजात यात्रा (2026) की तैयारियों से जुड़े कामों के चलते उन्होंने कुछ कार्य किए थे, जिसकी शिकायत स्थानीय पूर्व प्रधान ने शासन में की और इसके आधार पर उन्हें नंदप्रयाग से हटा दिया गया।
गौरतलब है कि नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक यात्राओं में से एक है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होती है। इसकी तैयारियों में वन विभाग की अहम भूमिका रहती है।
हेमंत बिष्ट पर आरोप है कि उन्होंने यात्रा की तैयारियों से जुड़े कार्यों का एस्टीमेट DFO कार्यालय को नहीं भेजा। इसी आधार पर DFO कार्यालय से मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट पर उनका तबादला किया गया था।

