लखवाड़-व्यासी जलविद्युत परियोजना के प्रभावितों को अब मिलेगा 3 गुना मुआवजा
देहरादून। लखवाड़-व्यासी बहुद्देशीय जलविद्युत परियोजना से प्रभावित देहरादून जिले की कालसी तहसील के 09 गांवों (धनपो, लखवाड़, लक्स्यार, खुन्ना, अलमान, लुधेरा, खाती, दाऊ और सरयाना) को अब तीन गुना मुआवजा मिलेगा। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर ऊर्जा विभाग ने भूमि दरों में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
इन गांवों को टिहरी जिले की नैनबाग तहसील के समकक्ष भूमि दरें लागू होंगी। अब तक यहां सर्किल रेट मात्र 13.20 लाख से 50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर था, जबकि टिहरी में यह दर 70–72 लाख रुपये और विकासनगर क्षेत्र में एक करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर है। दरों में भारी अंतर को देखते हुए प्रभावित ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले में विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी और उपजिलाधिकारी कालसी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने दरें बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रमुख सचिव डॉ. आर. मिनाक्षी सुंदरम ने मंजूरी देते हुए मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।
लखवाड़ जलविद्युत परियोजना के तहत 45.317 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा रही है, जिसके एवज में 30.34 करोड़ रुपये का अनुग्रह अनुदान स्वीकृत है। अभी तक 17.85 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। वहीं, त्यूनी-प्लासू परियोजना के लिए 5.999 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
गौरतलब है कि लखवाड़ परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण ऊर्जा व सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इसके पूरा होने पर 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखंड समेत हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को फायदा मिलेगा।