बिग ब्रेकिंग: चमोली की 439 छात्राओं को नंदा गौरा योजना का लाभ न मिलने पर हाईकोर्ट सख्त

चमोली की 439 छात्राओं को नंदा गौरा योजना का लाभ न मिलने पर हाईकोर्ट सख्त

  • जिला कार्यक्रम अधिकारी और निदेशक महिला सशक्तीकरण से एक सप्ताह में जवाब तलब
  • छात्राओं ने पूरी की थी औपचारिकताएं, फिर भी नहीं मिली 51-51 हजार की राशि

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली जिले की छात्राओं को नंदा गौरा योजना का लाभ नहीं मिलने के मामले में गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और निदेशक महिला सशक्तीकरण को एक सप्ताह के भीतर कारण बताने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई भी एक सप्ताह बाद तय की है।

जनहित याचिका पर सुनवाई

अधिवक्ता डी.सी.एस. रावत ने बताया कि चमोली जिले की सामाजिक कार्यकर्ता ममता नेंगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की।

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2022-23 में चमोली की 439 छात्राओं ने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। योजना के तहत प्रत्येक छात्रा को हायर एजुकेशन के लिए 51 हजार रुपये की धनराशि दी जानी थी।

राशि न मिलने से शिक्षा पर संकट

याचिका के अनुसार, सभी छात्राओं ने योजना का लाभ पाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर दी थीं। इसके बावजूद अब तक उनके खातों में पैसा हस्तांतरित नहीं किया गया। इस कारण छात्राओं को उच्च शिक्षा जारी रखने में गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

नंदा गौरा योजना की पृष्ठभूमि

नंदा गौरा योजना उत्तराखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है।

इस योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा पास करने वाली बालिकाओं को 51 हजार रुपये की एकमुश्त राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है।

इसका लाभ विशेष रूप से उन छात्राओं को दिया जाता है, जो राज्य की निवासी हों और गरीब या साधारण आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से आती हों। योजना का मकसद बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को रोकना है।

अदालत की सख्ती

मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और निदेशक महिला सशक्तीकरण से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि छात्राओं के भविष्य से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगली सुनवाई की तारीख एक सप्ताह बाद तय की गई है।