बिग ब्रेकिंग: मसूरी वन प्रभाग से गायब 7375 सीमा स्तंभ, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

मसूरी वन प्रभाग से गायब 7375 सीमा स्तंभ, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

  • वन भूमि पर अतिक्रमण का बड़ा मामला, मंत्रालय ने राज्य को दिए कड़े निर्देश

रिपोर्ट-  अमित भट्ट

देहरादून। मसूरी वन प्रभाग से 7375 सीमा स्तंभ (बाउंड्री पिलर) मौके से गायब पाए जाने और वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायतों ने केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तराखंड शासन से तत्काल विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

केंद्र का सख्त रुख

मंत्रालय की सहायक महानिरीक्षक वन (केंद्रीय) नीलिमा शाह ने प्रमुख सचिव (वन), उत्तराखंड को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की धारा-2 का उल्लंघन हुआ हो सकता है। मंत्रालय ने धारा 3-ए के तहत कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा है।

कैसे हुआ खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक (कार्ययोजना) हल्द्वानी संजीव चतुर्वेदी ने 22 अगस्त को केंद्र को पत्र भेजा।

मसूरी वन प्रभाग की पुनरीक्षणाधीन कार्ययोजना के दौरान पता चला कि 7375 सीमा स्तंभ मानचित्र में दर्ज तो हैं, लेकिन मौके पर मौजूद नहीं। साथ ही, वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जों की भी शिकायतें सामने आईं।

दोबारा जांच पर सवाल

वन विभाग ने मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन मुख्य वन संरक्षक (कार्ययोजना) संजीव चतुर्वेदी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है।

उन्होंने कहा कि इस मामले पर पहले ही राज्य स्तरीय स्थायी परामर्शदात्री समिति की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में कनिष्ठ स्तर के अधिकारी से दोबारा जांच कराना प्रशासनिक परंपरा के खिलाफ है और इससे विवाद व अव्यवस्था बढ़ेगी।

क्यों गंभीर है मामला

मसूरी वन प्रभाग लंबे समय से अतिक्रमण और सीमा निर्धारण विवादों का केंद्र रहा है। गायब सीमा स्तंभों की वजह से वन क्षेत्र की स्पष्ट परिभाषा धुंधली हो रही है, जिससे अवैध कब्जों का खतरा और बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय, पारदर्शी और त्वरित जांच जरूरी है।

मसूरी वन प्रभाग : बीटवार गायब सीमा स्तंभ