नैनीताल पंचायत चुनाव में बवाल। अपहरण विवाद पर निर्वाचन आयोग में 6 घंटे तक चली सुनवाई
- कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी ने लगाया धांधली और पांच सदस्यों के अपहरण का आरोप
- कथित अपहृत सदस्यों ने आयोग के सामने किया अपहरण से इनकार, कहा – वोट नहीं देना चाहते थे
- हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद आयोग ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए, अब फैसले का इंतजार
देहरादून। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कथित अपहरण और धांधली के आरोपों ने सियासी सरगर्मी तेज कर दी है। शुक्रवार को यह मामला राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचा, जहां करीब छह घंटे तक सुनवाई चली।
इस दौरान नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा, निर्वाचित अध्यक्ष दीपा दर्मवाल, कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी और कथित अपहृत सदस्य भी आयोग के सामने पेश हुए।
क्या बोलीं शिकायतकर्ता पुष्पा नेगी?
पुष्पा नेगी ने आयोग को लिखित शिकायत सौंपी। उनका आरोप है कि उनकी गैरमौजूदगी में मतगणना कराई गई और पांच सदस्यों को जबरन मतदान से वंचित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “हमारे पांच सदस्यों का अपहरण किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर हमें आश्वासन दिया गया था कि उनसे मतदान कराया जाएगा, लेकिन एसएसपी और डीएम ने उन्हें पेश नहीं किया। मतगणना भी मुझे बिना बताए कर दी गई।”
कथित अपहृत सदस्यों का बयान
पांचों सदस्यों ने आयोग में बयान दर्ज कराते हुए अपहरण से साफ इनकार किया। उनका कहना था कि वे न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी को वोट देना चाहते थे। नोटा का विकल्प न होने के कारण उन्होंने मतदान से दूरी बनाई।
बचाव पक्ष के वकील पंकज फुलोरा ने कहा, “यह अपहरण का मामला नहीं है, बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी की हार का बहाना है। सभी पांच सदस्यों ने शपथ पत्र देकर यह साफ कर दिया है।”
विजयी पक्ष की दलील
निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दर्मवाल ने भी आयोग में अपना पक्ष रखा। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बताया और आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया।
सियासी असर
इस विवाद ने प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने सरकार पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, जबकि बीजेपी इसे विपक्ष का चुनावी हथकंडा बता रही है। हाईकोर्ट भी इस मामले में पहले ही नैनीताल पुलिस और प्रशासन पर सख्त टिप्पणी कर चुका है।
आगे की राह
राज्य निर्वाचन आयोग ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब आयोग को तय करना है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव विवाद पर आगे क्या फैसला लिया जाएगा।