बड़ी खबर: अवैध क्लीनिक में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चे की मौत, हंगामे के बाद संचालिका फरार

अवैध क्लीनिक में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चे की मौत, हंगामे के बाद संचालिका फरार

रिपोर्ट- सलमान मलिक

रुड़की। जिले के भगवानपुर क्षेत्र में एक अवैध क्लीनिक पर डिलीवरी के दौरान जच्चा और बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख क्लीनिक की संचालिका और नर्स मौके से फरार हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

दुकान में चल रहा था फर्जी क्लीनिक

जानकारी के मुताबिक, भगवानपुर थाना क्षेत्र के रायपुर गांव में 10×15 फीट की दुकान में अवैध रूप से जच्चा-बच्चा का इलाज और डिलीवरी कराई जा रही थी। क्लीनिक पर न तो कोई बोर्ड था और न ही किसी डॉक्टर का नाम लिखा था।

बस काले रंग का शीशा लगाकर फर्जी क्लीनिक संचालित किया जा रहा था। इसी दौरान लापरवाही से मां और नवजात की मौत हो गई।

मृतका अल्मोड़ा की रहने वाली

मृतका की पहचान किरन के रूप में हुई है। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थीं। किरन का पति पंकज मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के धौलाघाट का निवासी है और भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करता है।

पंकज ने बताया कि पत्नी को दर्द की शिकायत होने पर वह क्लीनिक पर ले गया। वहां मौजूद नर्स ने डिलीवरी का मामला बताते हुए उपचार शुरू कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही भगवानपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों के हंगामे को शांत कराने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

थाना प्रभारी सूर्य भूषण नेगी ने बताया, “पीड़ित की तरफ से तहरीर दी जा रही है। तहरीर के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।”

झोलाछाप डॉक्टरों पर सवाल

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि भगवानपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर अवैध क्लीनिक चला रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर विभागीय निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।