उत्तराखंड मानसून 2025: बारिश, भूस्खलन और भूधंसाव से हाहाकार
- यमुनोत्री हाईवे पर नए भूस्खलन और भू-धंसाव जोन
देहरादून। यमुनोत्री हाईवे पर जंगलचट्टी और नारदचट्टी के आसपास छह नए भूस्खलन और भू-धंसाव क्षेत्र बन गए हैं, जिससे हाईवे पर यात्रा संचालन पर संशय बना हुआ है। राजमार्ग निर्माण खंड बड़कोट के लिए मानसून के बाद यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से चलाना बड़ी चुनौती बन गई है।
कुथनौर से जानकीचट्टी तक करीब 12 जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हनुमान चट्टी-फूलचट्टी के बीच सड़क कई स्थानों पर धंसी है और कई खड़ी चट्टानों से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है।
यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर
स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से झील जैसी स्थिति बन गई है। पुल और होटलों की दूसरी मंजिल तक पानी पहुंच गया।
बीते शनिवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई पेड़ बहकर पुल पर अटक गए और पानी पुल के ऊपर से बहने लगा। सिंचाई और एनएच विभाग की मशीनें मलबा हटाकर जलस्तर सामान्य करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है।
गौरीकुंड हाईवे हादसा
रुद्रप्रयाग के मुनकटिया भूस्खलन ज़ोन में एक यात्री वाहन पर भारी बोल्डर गिरने से दो लोगों की मौके पर मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे। स्थानीय रेस्क्यू टीमों ने घायलों को तुरंत सोनप्रयाग अस्पताल भेजा।
रेड और येलो अलर्ट जारी
देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में भारी से अत्यंत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया। राज्यभर के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून चरम पर है और आने वाले दिनों में बारिश का दौर जारी रहेगा। चमोली जिले की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
नंदानगर और चमोली में भूधंसाव
चमोली जिले में पिछले तीन वर्षों में भूधंसाव की घटनाएं बढ़ी हैं। कर्णप्रयाग, ज्योतिर्मठ और अब नंदानगर में भू-धंसाव ने लोगों की जान और संपत्ति पर खतरा बढ़ा दिया है। नंदानगर में जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है, कई मकान खाली कराए गए हैं और व्यापार प्रभावित हो रहा है।
भूस्खलन बांध और आईआईटी रुड़की का अध्ययन
आईआईटी रुड़की के अध्ययन में पाया गया कि अगस्त में भूस्खलन बांध (मोरेन डैम) सबसे अधिक बने हैं। पिछले महीने उत्तरकाशी में गदेरों से आए मलबे ने हर्षिल और स्यानाचट्टी में कृत्रिम झीलों का निर्माण किया, जिससे पानी की निकासी चुनौतीपूर्ण रही।
बारिश ने तोड़े 23 साल के रिकॉर्ड
देहरादून एयरपोर्ट पर अगस्त माह में 986.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे 23 साल का रिकॉर्ड टूट गया। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान अगस्त में मात्र 298 मिमी बारिश हुई थी। मई से अगस्त तक कुल 2225 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मौसम विशेषज्ञों के लिए भी चौंकाने वाला आंकड़ा है।
नदियों और बांधों में खतरा
डाकपत्थर बैराज से यमुना नदी में 1.23 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे दिल्ली और हरियाणा के लिए अलर्ट जारी हुआ। टोंस और यमुना नदी उफान पर हैं। छिबरौ, खोदरी, ढालीपुर और व्यासी जल विद्युत गृहों में उत्पादन ठप है।
सड़कें बंद और यातायात प्रभावित
बारिश और मलबा आने से प्रदेश में 384 सड़कें बंद हैं। ऋषिकेश-हरिद्वार हाईवे पर यात्रियों से भरी यूपी की बस अनियंत्रित हो गई, लेकिन किसी की जान नहीं गई। भारी वाहनों के डायवर्ट न होने से भी यातायात प्रभावित हुआ।